लखनऊ न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को विधायक अभय सिंह के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले में अपना फैसला सुनाया। इस मामले में दो जजों ने अलग-अलग निर्णय दिए। जस्टिस मसूदी ने विधायक अभय सिंह को तीन वर्ष की सजा सुनाई, जबकि जस्टिस अभय श्रीवास्तव ने उन्हें बरी करने का फैसला दिया।
अब इस मामले को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि दोनों जजों के निर्णय अलग-अलग हैं। ऐसे में यह मामला अब चीफ जस्टिस की बेंच में जाएगा, जहां पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
विधायक अभय सिंह पर आरोप था कि 2010 में गोसाईगंज, अयोध्या में हत्या के प्रयास के मामले में उनका नाम था। शुक्रवार को इस मामले में फैसला सुनाया गया, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
यदि जस्टिस मसूदी का फैसला कायम रहता है और अभय सिंह को तीन साल की सजा मिलती है, तो उनका विधायक पद छिन जाएगा, क्योंकि भारतीय कानून के तहत तीन साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले विधायक का पद अपने आप समाप्त हो जाता है।