लखनऊ न्यूज डेस्क: लखनऊ में एक होटल में हुए सामूहिक हत्याकांड में मुख्य आरोपी अरशद, जो इस्लाम नगर, टेढ़ी बगिया का रहने वाला है, पुलिस को लगातार अलग-अलग बयान दे रहा है। उसने कभी बस्ती वालों से विवाद, तो कभी धर्म परिवर्तन जैसी घटनाओं का हवाला दिया है, जिससे पुलिस की जांच उलझ गई है। इस मामले में अब लखनऊ के साथ-साथ आगरा पुलिस भी जांच में जुटी हुई है। ट्रांस यमुना पुलिस ने बस्ती के 100 से अधिक लोगों से पूछताछ की है और सीसीटीवी फुटेज भी देखे हैं। प्रारंभिक जांच में किसी भी तरह के विवाद या धर्म परिवर्तन की पुष्टि नहीं हुई है।
31 दिसंबर 2024 को लखनऊ के एक होटल में आसमा और उनकी चार बेटियों—अल्शिया (19), रहमीन (18), अक्सा (16), और आलिया (9)—की सामूहिक हत्या कर दी गई थी। इसके बाद, आरोपी बदरुददीन फरार हो गया था, जबकि उसका बेटा अरशद पुलिस चौकी पहुंचकर घटना की जानकारी दी थी। पुलिस ने अरशद से कई बार पूछताछ की, लेकिन वह हर बार अपना बयान बदलता रहा।
अरशद ने शुरू में बताया था कि हत्याकांड का कारण पड़ोसियों से विवाद था, तो कभी उसने जमीन पर कब्जे की कहानी सुनाई। साथ ही, धर्म परिवर्तन और घर में मंदिर बनाने की बात भी कही थी। इस पर आगरा पुलिस ने भी जांच शुरू की और 100 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की। बस्ती में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच में एक संदिग्ध युवक भी नजर आया।
थाना प्रभारी भानु प्रताप सिंह ने बताया कि मोहल्ले में पुलिस की पड़ताल जारी है। अरशद द्वारा बताए गए सभी कारणों की जांच की जा रही है। बदरुददीन ने अपनी शिकायत में पड़ोसियों से झगड़ा बताया था, लेकिन जांच में यह पाया गया कि 16 और 18 दिसंबर को हुए विवाद इतने बड़े नहीं थे कि इसके कारण हत्याकांड जैसी घटना हो। इसके अलावा, अगर विवाद पड़ोसियों से था, तो फिर अपनों की हत्या क्यों की गई?
बदरुद्दीन ने 1 जनवरी 2024 को अपनी 50 गज जमीन का सौदा घर के सामने रहने वाले अलीम से सात लाख रुपये में किया था। इसके दस्तावेज भी पुलिस ने जांचे और पाया कि अलीम ने 5 लाख रुपये चेक से दिए थे। इस लेन-देन का वीडियो भी मौजूद है, जिसमें बदरुद्दीन और अरशद रुपये गिनते हुए दिखाई दे रहे हैं। इससे यह सवाल उठता है कि अगर दोनों के बीच जमीन को लेकर कोई विवाद होता, तो क्या वे इस पैसे का वीडियो बनवाते?
वीडियो और प्रार्थना पत्र में बदरुद्दीन ने घर की दुकान में राम मंदिर बनाने और सामान दान देने की बात की थी। इस पर पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की और यह पता किया कि उन्होंने मंदिर को लेकर किसी से बात की थी या नहीं। हालांकि, कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई। एक नेता से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने बताया कि किसी ने उनसे धर्म परिवर्तन के लिए संपर्क नहीं किया था।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि बदरुद्दीन ने अपने बेटे से विवाद होने पर अपनी वसीयत बेटियों के नाम कर दी थी। इसके लिए उसने तहसील एत्मादपुर के एक वकील से भी संपर्क किया था। पुलिस ने वकील से पूछताछ की, और अब वसीयत की कॉपी निकाली जा रही है। इसके साथ ही यह भी जांची जा रही है कि वसीयत में कहीं बेटे के खिलाफ कोई खतरा तो नहीं था।
थाना प्रभारी ने बताया कि वसीयत की पुष्टि हो चुकी है और इसे लेकर अब और जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस हर पहलू को ध्यान से जांच रही है ताकि इस दर्दनाक हत्याकांड के सही कारणों का पता चल सके।