लखनऊ न्यूज डेस्क: लखनऊ के चिनहट में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक ग्राहक ने डिलीवरी ब्वॉय की हत्या कर उसका मोबाइल छीन लिया। आरोपी ने लाश को बोरे में भरकर नहर में फेंक दिया। पुलिस गुमशुदगी की रिपोर्ट के आधार पर जांच करते हुए आरोपियों तक पहुंची। सोमवार को मामले का पर्दाफाश हुआ, जिसमें एक आरोपी गिरफ्तार किया गया, जबकि दूसरा फरार है और उसकी तलाश की जा रही है।
चिनहट निवासी गजेंद्र ने 1.5 लाख रुपये का फोन ऑनलाइन ऑर्डर किया था, जिसका भुगतान कैश ऑन डिलीवरी के तहत होना था। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह के अनुसार, 23 सितंबर की रात को डिलीवरी ब्वॉय भरत वर्मा फोन की डिलीवरी करने गजेंद्र के घर पहुंचे। उसी दौरान, गजेंद्र और उसके एक साथी ने मिलकर भरत की गला दबाकर हत्या कर दी। फिर रात में ही दोनों ने मिलकर लाश को बोरे में भर दिया और कार में रखकर बाराबंकी के माती इलाके में इंदिरा नहर में फेंक दिया।
डीसीपी शशांक सिंह ने बताया कि भरत के लापता होने के बाद परिजनों ने चिनहट थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने मोबाइल की लोकेशन और कॉल डिटेल्स निकालीं, जिससे पता चला कि भरत की आखिरी कॉल गजेंद्र के नंबर पर थी। इसी सुराग के जरिए पुलिस गजेंद्र तक पहुंची। पूछताछ में गजेंद्र ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस अब उसकी निशानदेही पर नहर में शव की खोज कर रही है।
पुलिस के अनुसार, यह हत्या देवा रोड पर स्थित बाबा अस्पताल के पास एक घर में की गई। जांच के दौरान पता चला कि हिमांशु कनौजिया ने अपने फोन से दोनों मोबाइल ऑर्डर किए थे। 24 सितंबर की दोपहर जब डिलीवरी ब्वॉय भरत ने फोन किया, तो हिमांशु ने गजानन को कॉन्फ्रेंस कॉल पर जोड़ा। गजानन ने कहा कि वह मोबाइल रिसीव कर लेगा। जब भरत मोबाइल लेकर पहुंचा, तो गजानन और आकाश ने मिलकर उसे घर के अंदर खींच लिया और फिर उसकी हत्या कर मोबाइल और पैसे लूट लिए।
गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद, पुलिस ने भरत के मोबाइल की लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड की जांच की। उसकी आखिरी लोकेशन आरोपियों के घर के पास पाई गई। अंतिम कॉल पहले हिमांशु और फिर गजानन के नंबर पर की गई थी। पुलिस ने जब इनकी डिटेल निकाली, तो पता चला कि उस शाम दोनों की लोकेशन माती की नहर के पास थी। सीसीटीवी फुटेज में भी यह देखा गया कि भरत गजानन के घर के अंदर गए, लेकिन बाहर नहीं निकले। आरोपी कार में भरत का बैग ले जाते हुए दिखे, जिससे पुलिस का संदेह मजबूत हो गया। पूछताछ में आरोपियों ने जुर्म कबूल कर लिया। डीसीपी शशांक सिंह ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम मंगलवार को नहर में शव ढूंढने का काम जारी रखेगी।
भरत के पिता राम मिलन खादी ग्रामोद्योग विभाग में कार्यरत हैं, जबकि उनके भाई प्रेम कुमार अधिवक्ता हैं। पूरा परिवार निशांतगंज स्थित शिक्षा निदेशालय की कॉलोनी में रहता है। भरत के पिता ने बताया कि गजानन पहले भरत के साथ उसकी कंपनी में काम कर चुका है। इसी वजह से पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि हत्या के पीछे कोई और वजह तो नहीं है। फिलहाल, पुलिस की जांच में मोबाइल और नकदी लूट ही हत्या का कारण सामने आया है, लेकिन अन्य संभावनाओं पर भी गौर किया जा रहा है।