मुंबई, 3 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) स्वास्थ्य के प्रति भारतीय उपभोक्ताओं की बढ़ती जागरूकता ने हाल के वर्षों में एक नया रुझान पैदा किया है: प्रीमियम बोतलबंद पानी। एक समय था जब पानी सिर्फ प्यास बुझाने का साधन था, लेकिन अब यह स्वास्थ्य और जीवन शैली का प्रतीक बन गया है। उपभोक्ता अब सिर्फ साफ पानी नहीं, बल्कि ऐसा पानी खोज रहे हैं जो उनके स्वास्थ्य को बेहतर बना सके, और वे इसके लिए अधिक कीमत चुकाने को तैयार हैं।
दिल्ली की रहने वाली नीलाक्षी सेनगुप्ता जैसी कई भारतीय अब साधारण नल के पानी या सामान्य फिल्टर पर भरोसा नहीं करते। वे मानते हैं कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रीमियम पानी एक निवेश है। बाजार में अब कई तरह के विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे एल्कलाइन पानी, जो शरीर के पीएच स्तर को संतुलित करने का दावा करता है; मिनरल पानी, जिसमें प्राकृतिक खनिज होते हैं; और फंक्शनल पानी, जिसमें प्रोटीन या विटामिन मिलाए जाते हैं। इसके अलावा, कार्बोनेटेड (स्पार्कलिंग) और फ्लेवर्ड पानी भी लोकप्रिय हो रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि लोग इस पानी को केवल एक "ऊंची कीमत" के बजाय "मूल्यवान निवेश" के रूप में देखते हैं। वे मानते हैं कि अभी पानी पर खर्च करने से भविष्य में स्वास्थ्य देखभाल पर होने वाले खर्च से बचा जा सकता है। यह सोच उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की ओर आकर्षित कर रही है, भले ही इसके लिए उन्हें ज्यादा पैसे चुकाने पड़ें।
हालांकि, कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का इस पर अलग मत है। पोषण विशेषज्ञ मालविका फुलवानी जैसे कुछ लोगों का कहना है कि एल्कलाइन और लक्जरी पानी के स्वास्थ्य लाभों के दावे पूरी तरह से वैज्ञानिक नहीं हैं। उनका मानना है कि एक संतुलित आहार और स्वस्थ जीवन शैली के सामने केवल पानी की ब्रांड बदलने से कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा।
फिर भी, इस उद्योग का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है। प्रीमियम पानी का बाजार लगातार बढ़ रहा है और भविष्य में इसमें और भी नए उत्पाद, खासकर फंक्शनल पानी, देखने को मिल सकते हैं। यह दर्शाता है कि भारतीय उपभोक्ता अब सिर्फ जीवनयापन के लिए नहीं, बल्कि बेहतर और स्वस्थ जीवन के लिए भी खर्च करने को तैयार हैं।