मुंबई, 18 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। वोटर वेरिफिकेशन और कथित वोट चोरी के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने सोमवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में SIR पर चर्चा हो चुकी है और चुनाव आयोग के तमाम तर्कों को अदालत ने खारिज कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि SIR इतनी जल्दबाजी में क्यों लागू किया जा रहा है। गोगोई ने यह भी कहा कि विपक्ष जब सवाल पूछता है तो आयोग जवाब देने की बजाय जिम्मेदारी से भागता है।
कांग्रेस नेता ने यह भी सवाल उठाया कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच अचानक 70 लाख नए वोटर लिस्ट में कहां से आ गए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और महादेवपुर विधानसभा में कथित एक लाख फर्जी वोटिंग पर भी आयोग चुप्पी साधे हुए है। विपक्षी नेताओं ने रविवार की उस प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र किया जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिना नाम लिए राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि PPT में दिखाया गया डेटा चुनाव आयोग का नहीं है और वोट चोरी के आरोप लगाने वालों को या तो शपथपत्र दाखिल करना चाहिए या फिर देश से माफी मांगनी चाहिए। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त का रवैया कठपुतली जैसा था, जो बेहद शर्मनाक है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि आयोग का काम विपक्ष पर हमला करना नहीं है और यदि वे ऐसा करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि अपने राजनीतिक आकाओं के पास लौट जाएं।
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने याद दिलाया कि 2022 के यूपी चुनाव में जब अखिलेश यादव ने बड़े पैमाने पर समाजवादी पार्टी समर्थकों के वोट काटे जाने की बात कही थी, तब चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया। उस समय पार्टी ने 18 हजार हलफनामे जमा कराए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यादव ने यह भी कहा कि 2024 के उपचुनावों में बीएलओ बदले गए और जातीय आधार पर यादवों और मुसलमानों के नाम हटाए गए, इसके सबूत होने के बावजूद आयोग ने कोई कदम नहीं उठाया। राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि चुनाव आयोग संविधान से जन्मा है और उसे संविधान के बराबर समझना गलत है। उन्होंने चेतावनी दी कि आयोग संविधान की भावना और नैतिकता को कमजोर न करे। झा ने कहा कि संविधान हर नागरिक की सुरक्षा और संरक्षण का प्रतीक है और चुनाव आयोग इसे अपनी विफलताओं की ढाल नहीं बना सकता।