मुंबई, 12 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। आगरा में करणी सेना ने शनिवार को जमकर बवाल किया। करणी सेना के कार्यकर्ता राणा सांगा की जयंती मनाने इकट्ठे हुए। उन्होंने सपा सांसद रामजी लाल सुमन के घर कूच करने का ऐलान किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने डंडे-तलवारें लहराईं और प्रदर्शन किया। कार्यक्रम खत्म होने के बाद जाते समय उन्होंने रास्ते में लगी बैरिकेडिंग को लाठी-डंडों से तोड़ दिया। इसके बाद नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया। वहीं, करणी सेना युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओकेंद्र राणा ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में कहा- सुमन के घर जाने में हमें प्रशासन भी नहीं रोक पाएगा। हम अपना काम करेंगे, प्रशासन अपना काम करेगा। हम यहां पूरी तैयारी से हैं। किसी भी हालत में पीछे हटने वाले नहीं हैं। इससे पहले कार्यक्रम स्थल पर पहुंची पुलिस को देखकर करणी सेना के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए। उन्होंने पुलिसकर्मियों को घेर लिया और तलवारें-डंडे लहराने लगे। हालात बिगड़ते देख पुलिस को आयोजन स्थल से बाहर जाना पड़ा। करणी सेना के सपा सांसद के घर कूच करने के ऐलान करने के बीच पुलिस भी मुस्तैद रही। 500 जगहों पर बैरिकेडिंग की गई। सड़कों पर पत्थर के बड़े-बड़े बोल्डर रखे गए। 10 हजार PAC और पुलिस के जवान तैनात रहे। ड्रोन से भी निगरानी की गई। वहीं, शनिवार को पूरे दिन रामजी सुमन घर पर रहे। उनके घर पर 1000 पुलिस जवान तैनात रहे। एक किमी का इलाका सील रहा और मेटल डिटेक्टर लगाए गए। सपा सांसद ने भी अपनी पर्सनल सिक्योरिटी में 10 बाउंसर लगाए थे।
दैनिक भास्कर से बातचीत में रामजी सुमन ने शायरी सुनाई, मय पिलाकर आपका क्या जाएगा, जाएगा ईमान जिसका जाएगा, कल दी उसने कत्ल की धमकी मुझे। मैंने कह दिया कि देखा जाएगा। इधर, इटावा में अखिलेश यादव ने करणी सेना पर निशाना साधा। कहा, यह सेना-वेना सब नकली है। यह सब बीजेपी वाले हैं। अगर कोई हमारे रामजी लाल सुमन का अपमान करेगा तो हम उनके साथ खड़े दिखाई देंगे। दरअसल, रामजीलाल सुमन ने 21 मार्च को राज्यसभा में कहा था, भाजपा वालों का तकिया कलाम हो गया कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है। फिर हिंदुओं में किसका डीएनए है? बाबर को कौन लाया? बाबर को भारत में इब्राहीम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लाया था। मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो तुम (हिंदू) गद्दार राणा सांगा की औलाद हो। यह हिंदुस्तान में तय हो जाना चाहिए। बाबर की आलोचना करते हैं, राणा सांगा की नहीं। देश की आजादी की लड़ाई में इन्होंने अंग्रेजों की गुलामी की थी।