मुंबई, 24 जनवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। समरावता हिंसा मामले में शुक्रवार को नरेश मीणा की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश चौधरी ने घटना के दिन का वीडियो दिखाया, जिसमें नरेश मीणा ने लोगों से लाठी-डंडे लेकर समरावता पहुंचने का आह्वान किया था। इससे पहले कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि नरेश मीणा मुख्य आरोपी है। इसके कारण पूरा घटनाक्रम हुआ। सरकारी वकील ने कहा, आरोपी ने लोगों को आह्वान करके समरावता बुलाया था। चार्जशीट में हमने वीडियो फुटेज भी लगाए हैं। उन्होंने कोर्ट में भी वीडियो प्ले किया। सुनवाई में नरेश मीणा के वकील ने कहा- मामले में सह अभियुक्तों को जमानत मिल चुकी है। जब हिंसा हुई, तब नरेश मीणा हिरासत में था। कोर्ट ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह के लिए टाल दी है।
नरेश मीणा के वकील फतेहराम मीणा ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन नरेश को जेल में रखने की साजिश कर रहा है। पुलिस ने नरेश के खिलाफ नगर फोर्ट थाने में चार एफआईआर दर्ज की है। इसमें पहली एफआईआर एसडीएम द्वारा करवाई गई है। इसमें उसका कहना है कि नरेश ने ईवीएम से छेड़छाड़ और उसके साथ मारपीट की। वहीं, दूसरी एफआईआर पुलिस ने दर्ज की है, जिसमें नरेश पर आगजनी का आरोप है। इन दोनों एफआईआर में नरेश को गिरफ्तार किया गया है। तीसरी एफआईआर हाईवे जाम करने और चौथी एफआईआर रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से ईवीएम से छेड़छाड़ करने की दर्ज कराई है। इन दोनों मामलों में नरेश को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा- हमें डर है कि इन दोनों मामलों में जमानत मिलने पर नरेश की रिहाई रोकने के लिए पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है।
दरअसल, देवली-उनियारा विधानसभा के समरावता (टोंक) गांव में उपचुनाव में वोटिंग का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठेए थे। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया था। नरेश मीणा पोलिंग बूथ पर आए और उन्होंने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद नरेश मीणा वापस जाकर धरने पर बैठ गए थे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों की गाड़ी रोकने को लेकर विवाद हो गया था। पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया था। मीणा के समर्थकों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, वे और भड़क गए थे। सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी और पुलिस के जवान आमने-सामने हो गए थे और नरेश मीणा को छुड़ाकर ले गए था। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। ग्रामीणों पर भी पथराव का आरोप लगाया था। घटना के दौरान गांव में कई गाड़ियों में आग लगा दी गई थी।