मुंबई, 05 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केंद्र ने केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए रोप-वे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, 'अभी जो यात्रा 8-9 घंटे में पूरी होती है, वह घटकर 36 मिनट की हो जाएगी। इसमें 36 लोगों के बैठने की क्षमता होगी। राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक (12.9 किमी) और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक (12.4 किमी) का रोपवे बनेगा। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट इसे बनाएगा। भगवान शिव का मंदिर केदारनाथ में है। यह समुद्र तल से 3,584 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां मंदाकिनी नदी है। केदारनाथ धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
आपको बता दें, केदारनाथ में बनने वाला रोपवे सबसे एडवांस्ड ट्राई केबल डिटेचेबल गोंडोला टेक्नीक वाला होगा। इससे हर घंटे 1800 और हर दिन 18 हजार तीर्थ यात्रियों को पहुंचाया जाएगा। केदारनाथ जाने में एक तरफ से कम से कम 9 घंटे का समय लगता है। रोपवे बन जाने के बाद यह यात्रा 36 मिनट में होगी। केदारनाथ मंदिर तक की यात्रा गौरीकुंड से 16 किमी की कठिन चढ़ाई है। अभी इसे पैदल, पालकी, टट्टू और हेलिकॉप्टर से पूरा किया जाता है। गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किमी रोपवे बनेगा। इसमें 2,730.13 करोड़ रुपए खर्च होंगे। रोपवे से हर घंटे 1100 और हर दिन 11 हजार यात्रियों को ले जाया जाएगा। हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 15 हजार फीट है। यहां स्थापित गुरुद्वारा मई से सितंबर के बीच साल में लगभग 5 महीने के लिए खुलता है। हर साल लगभग 2 लाख तीर्थयात्री यहां आते हैं।
तो वहीं, मोदी कैबिनेट ने PAN 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। केंद्रीय मंत्री अश्विवी वैष्णव ने बताया कि इसके लिए सरकार 1435 करोड़ रुपए खर्च करेगी। मौजूदा पैन के नंबर को बदले बिना कार्ड एडवांस किए जाएंगे। वैष्णव ने कहा, नए पैन कार्ड QR कोड वाले होंगे। इसके लिए पेपरलेन यानी ऑनलाइन प्रोसेस अपनाई जाएगी। लोगों को QR कोड वाले पैन के लिए अलग से खर्च करने की जरूरत नहीं होगी। नए पैन में डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। किसी भी शिकायत के सॉल्यूशन के लिए ग्रेविएंस रेफरल सिस्टम तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि पैन कार्ड को कॉमन बिजनेस आइडेंटिफायर बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में तीन नए रेलवे प्रोजेक्ट, किसानों के लिए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन, युवाओं-छात्रों के लिए 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' और अटल इनोवेशन मिशन 2.0 को भी मंजूरी दी गई है।