आज भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंक के खिलाफ एक और बड़ी सफलता हासिल की है। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर जिले के दाचीगाम क्षेत्र के लिडवास इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर हाशिम मूसा समेत तीन आतंकियों को मार गिराया गया। इस कार्रवाई को “ऑपरेशन महादेव” नाम दिया गया है, जिसे सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने मिलकर अंजाम दिया।
ड्रोन से हुई शवों की पुष्टि
हालांकि, मारे गए आतंकियों की आधिकारिक पहचान अभी बाकी है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने ड्रोन के जरिए तीनों शवों को देखे जाने की पुष्टि की है। मुठभेड़ के दौरान आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर भारी गोलीबारी की, जिसका सुरक्षाबलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
इस ऑपरेशन की शुरुआत खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के आधार पर हुई थी। सूचना थी कि कुछ आतंकी लिडवास के ऊपरी जंगल क्षेत्र में छिपे हुए हैं। जैसे ही सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ, आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई, जो कई घंटे चली।
ऑपरेशन में तीनों बलों की संयुक्त भागीदारी
“ऑपरेशन महादेव” में भारतीय सेना की चिनार कोर (15वीं कोर), जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF शामिल रहे। चिनार कोर ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर बताया कि लिडवास में आतंकियों से मुठभेड़ में बड़ी सफलता मिली है।
सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया, "आज सुबह लिडवास क्षेत्र में आतंकियों से मुठभेड़ के बाद तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया है। ये वही आतंकी हैं जो हालिया पहलगाम हमले में शामिल थे।"
घटनास्थल से भारी हथियार और गोला-बारूद बरामद
सुरक्षा बलों ने बताया कि मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से AK-47 राइफलें, ग्रेनेड, विस्फोटक सामग्री और अन्य सैन्य सामान बरामद किए गए हैं। इन आतंकियों के पास से मिले उपकरणों से साफ होता है कि वे किसी बड़े हमले की फिराक में थे।
सुरक्षा बल अभी भी इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई और आतंकी बचकर भाग न सके।
22 अप्रैल 2025 को हुआ था खूनी पहलगाम हमला
बता दें कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में एक भयानक आतंकी हमला हुआ था। यह हमला बैसरन घाटी में उस समय हुआ जब बड़ी संख्या में पर्यटक वहां घूमने आए थे। हमले में 26 मासूम पर्यटक मारे गए थे। यह घटना देशभर में आक्रोश का कारण बनी।
हमले में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी शामिल थे, और इसकी जिम्मेदारी उसके सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। हमलावरों में कुछ स्थानीय और कुछ पाकिस्तान से आए आतंकी शामिल थे, जिनमें हाशिम मूसा का नाम सबसे बड़ा था।
भारत की जवाबी कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर
पहलगाम हमले के ठीक दो हफ्ते बाद, भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया था।
निष्कर्ष
आज का ऑपरेशन महादेव आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई का एक और प्रमाण है। पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को ढेर करना सुरक्षा बलों की कड़ी मेहनत, खुफिया तंत्र की सटीकता और सशक्त नेतृत्व का नतीजा है।
इस ऑपरेशन से यह संदेश भी गया है कि भारत अब किसी भी आतंकी हरकत का जवाब देने में पीछे नहीं हटेगा, और हर हमले का बदला लिया जाएगा – वह भी दुश्मन के नाम और पते के साथ।