भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम किया है, जिसे सुरनकोट क्षेत्र से सुसंगत रूप से बरामद किया गया। सुरक्षा बलों ने यहां 5 आईईडी (Improvised Explosive Devices), 3 टिफिन बम और अन्य प्रतिबंधित संचार उपकरण जब्त किए हैं। इसके साथ ही, 1-5 लीटर के गैस सिलेंडर, काले रंग की दूरबीन, 2 वायरलैस सेट, ऊनी टोपी, और काले रंग की पैंट भी बरामद की गई हैं। यह साजिश पाकिस्तान से जुड़े आतंकियों की थी, जिन्हें भारतीय सेना ने समय रहते नाकाम कर दिया।
जेलों की सुरक्षा बढ़ाई गई:
जम्मू-कश्मीर की जेलों पर आतंकी हमले का अलर्ट मिलने के बाद, सुरक्षा बलों ने इन जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी है। श्रीनगर सेंट्रल जेल और जम्मू के कोट बलवाल जेल में हाईप्रोफाइल आतंकी और ओवरग्राउंड वर्कर बंद हैं। सीआईएसएफ के डीजी ने श्रीनगर में सेना और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कदम उठाए। यह कदम अक्टूबर 2023 में सीआरपीएफ द्वारा जम्मू-कश्मीर की जेलों की सुरक्षा का जिम्मा लेने के बाद उठाए गए हैं।
यूएनएससी में बढ़ता तनाव:
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अहम बैठक होने वाली है। पाकिस्तान ने कहा है कि वह इस बैठक में भारत की उकसावे की कार्रवाई और सिंधु जल संधि को निलंबित करने की जानकारी देगा। वहीं भारत ने पाकिस्तान को अपने आतंकवादियों के समर्थन और सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर जवाब देने का रुख अपनाया है।
रक्षा मंत्री का बयान:
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में बयान दिया कि उनकी जिम्मेदारी है कि भारत पर बुरी नजर रखने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि सेना की जरूरतों को पूरी तरह से दुरुस्त किया जा रहा है और किसी भी चुनौती का मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने ये भी कहा कि जैसे ही जरूरत पड़ेगी, भारतीय सेना आतंकवादियों से बदला लेने के लिए पूरी ताकत से काम करेगी।
पहलगाम आतंकी हमले का असर:
इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी और 17 पर्यटक घायल हो गए थे। हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कई कड़े कदम उठाए हैं और रक्षा मंत्री ने सेना को पूरी स्वतंत्रता दी है ताकि पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
यह स्थिति इस बात को दर्शाती है कि भारत अब पाकिस्तान के खिलाफ एक और निर्णायक कदम उठाने के लिए तैयार है, और भविष्य में भारतीय सेना द्वारा किए जाने वाले फैसलों का असर क्षेत्रीय सुरक्षा पर पड़ सकता है।