उत्तर प्रदेश में इन दिनों होली और जुमे की नमाज को लेकर बहस और चर्चाएं तेज हैं। लेकिन इसी माहौल के बीच मुरादाबाद शहर से गंगा-जमुनी तहजीब की एक खूबसूरत मिसाल सामने आई है। यहां होली और जुमे की नमाज एक ही दिन पड़ने के बावजूद आपसी भाईचारे को प्राथमिकता दी गई है। मुरादाबाद की जामा मस्जिद ने नमाज के समय में बदलाव कर समाज में एक सकारात्मक संदेश दिया है।
जामा मस्जिद ने बढ़ाया भाईचारा
होली का त्योहार इस बार 14 मार्च को पड़ रहा है, जो जुमा यानी शुक्रवार भी है। दोनों ही दिन हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष महत्व रखते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए शहर-ए-इमाम सैयद मासूम अली आजाद ने जुमा की नमाज का समय दोपहर 1 बजे से बदलकर 2:30 बजे कर दिया है। यह निर्णय होली के अवसर पर रंग उत्सव और नमाज दोनों में टकराव से बचाव के लिए लिया गया है। इमाम साहब ने शहरवासियों से अपील की है कि"हर कोई अपने मोहल्ले या इलाके की नजदीकी मस्जिद में ही नमाज अदा करे। इससे अनावश्यक भीड़ और अव्यवस्था नहीं होगी और त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाया जाएगा।"
रमजान और होली साथ-साथ
मार्च महीना रमजान का भी है। इस्लाम धर्म में रमजान को विशेष आध्यात्मिक महत्व प्राप्त है। वहीं हिंदू धर्म में होली रंगों और भाईचारे का पर्व है। ऐसे में दोनों ही समुदायों की धार्मिक भावनाएं इस दिन से जुड़ी हैं। मुरादाबाद के निवासियों ने समन्वय की मिसाल पेश करते हुए यह सुनिश्चित किया कि दोनों त्योहार शांति और प्रेम से मनाए जाएं।
संभल में बयान से विवाद
इस सौहार्द्र के विपरीत, उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक विवाद भी सामने आया। सीओ अनुज चौधरी ने कहा कि
"एक साल में 52 शुक्रवार होते हैं, लेकिन होली साल में केवल एक बार आती है। यदि किसी को होली के रंगों से आपत्ति है, तो वह घर के अंदर रह सकता है।"
उनके इस बयान ने विवाद को जन्म दिया और सोशल मीडिया पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और आपसी समझदारी की अपील की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान
सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी मामले में हस्तक्षेप किया और सीओ अनुज चौधरी के बयान को तार्किक बताते हुए कहा,
"होली साल में एक बार आती है, जबकि जुमे की नमाज हर हफ्ते होती है। यह सच्चाई है, जिसे समझना होगा। अनुज चौधरी ने एक सच्चाई को सख्त शब्दों में बताया, लेकिन उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था।"
सीएम ने यह भी कहा कि एक-दूसरे की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना ही उत्तर प्रदेश की परंपरा है और इसे सभी को बनाए रखना चाहिए।
निष्कर्ष
मुरादाबाद में जामा मस्जिद द्वारा नमाज के समय में बदलाव और इमाम साहब की समझदारी भरी अपील ने दिखाया कि आपसी सहयोग और भाईचारा ही भारत की असली पहचान है। जबकि संभल में हुई बयानबाजी से कुछ विवाद जरूर हुआ, लेकिन सरकार और समाज दोनों मिलकर स्थिति को संतुलित करने की कोशिश कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि होली और रमजान का यह संयोग, उत्तर प्रदेश में सौहार्द्र और प्रेम को और मजबूत करता है या नई चुनौतियां लेकर आता है।