बंगाल में बीजेपी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार के खिलाफ सिख समुदाय द्वारा अपमान का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस मामले ने राजनीतिक विवाद का रूप ले लिया है। सिख समुदाय ने माफी न मांगने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी है। कोलकाता में सिख समुदाय ने मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया है।
केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार का जवाब
इस पूरे विवाद पर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने अपनी सफाई दी है और इसे ममता बनर्जी की राजनीतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह मामला राजनीतिक रंग देने की कोशिश है और ममता बनर्जी जानबूझकर इसे बड़ा बना रही हैं।
मजूमदार ने बताया कि यह घटना एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी, जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कार्रवाई की। इस दौरान उन्होंने एक तख्ती फेंकी थी, जिस पर चप्पल की तस्वीर बनी थी। उनका कहना है कि तख्ती कहां गिरेगी यह किसी के नियंत्रण में नहीं हो सकता।
मंत्री ने सिख समुदाय के प्रति सम्मान जताया
सुकांत मजूमदार ने स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी भी तरह से सिख समुदाय का अपमान नहीं किया है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को तख्ती लगी थी, उसने खुद कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई थी और स्थिति को बयान देकर साफ करने की बात कही थी।
मंत्री ने कहा कि वह बचपन से ही सिख इतिहास और उनके बलिदानों का सम्मान करते आए हैं। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह के बेटों की कुर्बानियों को सुनते हुए अपनी परवरिश की है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग वोट बैंक के लिए गुरुद्वारों में जाते हैं, लेकिन वे सिख धर्म के प्रति अपना गहरा सम्मान बनाए रखते हैं।
यह मामला बंगाल की सियासत में नया तनाव पैदा कर सकता है, क्योंकि सिख समुदाय की भावनाओं को लेकर राजनीतिक दलों के बीच टकराव तेज हो सकता है। आगे की घटनाओं पर नजर बनी हुई है।