हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देशभर को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में कई सुरक्षाकर्मियों की शहादत हुई और एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में गहरा तनाव देखने को मिला। भारत ने इस हमले को बेहद गंभीरता से लेते हुए पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए, जिसमें सिंधु जल संधि और शिमला समझौते को रद्द करना शामिल था।
इस हमले के बाद पाकिस्तान की नापाक हरकतों से सुरक्षा एजेंसियों को आशंका थी कि आतंकी गतिविधियों का निशाना हिंदू धार्मिक स्थलों पर भी हो सकता है। इसी कारण माता वैष्णो देवी मंदिर जैसी आस्था के केंद्रों को लेकर भी सतर्कता बढ़ा दी गई थी।
सीमा तनाव का असर माता वैष्णो देवी यात्रा पर पड़ा
जम्मू-कश्मीर के कटरा स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर, जो लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, वहां भी सुरक्षा कारणों से यात्रा पर रोक लगा दी गई थी। पाकिस्तानी ड्रोनों की लगातार आवाजाही और सुरक्षा एजेंसियों की हाई अलर्ट स्थिति को देखते हुए रात के समय ब्लैकआउट लागू कर दिया गया था ताकि किसी भी संभावित आतंकी हमले से मंदिर और श्रद्धालुओं को बचाया जा सके।
श्राइन बोर्ड और प्रशासन ने यह कदम उठाया ताकि मंदिर को निशाना बनाने की किसी भी कोशिश को विफल किया जा सके और हिंदू समाज की धार्मिक भावनाओं को सुरक्षित रखा जा सके।
सीजफायर के बाद फिर से खुले माता के दर्शन
अब जबकि सीजफायर की स्थिति बनी है और आतंकी गतिविधियों पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया गया है, माता वैष्णो देवी का दरबार दोबारा श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। इसके बाद से ही मंदिर में एक बार फिर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, बीते गुरुवार को 5423 श्रद्धालु माता के भवन की ओर रवाना हुए। यह संख्या स्पष्ट करती है कि लोग एक बार फिर आस्था के इस पवित्र स्थल की ओर लौट रहे हैं।
श्रद्धालुओं के लिए शुरू की गईं 5 मुफ्त सुविधाएं
श्राइन बोर्ड ने माता वैष्णो देवी यात्रा को और भी सुविधाजनक और भक्तिपूर्ण बनाने के लिए 5 नई मुफ्त सेवाएं शुरू की हैं। ये सुविधाएं खासकर उन श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित होंगी जो सीमित संसाधनों के बावजूद माता के दर्शन की इच्छा रखते हैं।
1. मुफ्त ठहरने की व्यवस्था
अब श्रद्धालुओं को कटरा, अर्धकुंवारी और भवन क्षेत्र में ठहरने के लिए फ्री में आवास सुविधा दी जा रही है। पहले जहां श्रद्धालुओं को होटल या धर्मशालाओं में भुगतान करना पड़ता था, अब उन्हें बुनियादी सुविधा मुफ्त मिलेगी।
2. आरती में भाग लेने की अनुमति
अब भक्त माता के भवन और अर्धकुंवारी मंदिर में होने वाली दिव्य आरती में व्यक्तिगत रूप से शामिल हो सकते हैं। यह एक आध्यात्मिक अनुभव है, जो पहले सीमित लोगों को मिलता था, लेकिन अब इसे भक्तों के लिए और भी सुलभ बनाया गया है।
3. मुफ्त भोजन (लंगर) की व्यवस्था
श्राइन बोर्ड ने यात्रा मार्ग में जगह-जगह मुफ्त भोजन की सुविधा (लंगर) शुरू की है। इससे श्रद्धालुओं को खाने की चिंता से राहत मिलेगी और वे सच्चे मन से माता के दर्शन कर सकेंगे।
4. रेलवे स्टेशन पर मुफ्त चाय
जो यात्री कटरा रेलवे स्टेशन या बाणगंगा के रास्ते माता वैष्णो देवी आ रहे हैं, उन्हें स्टेशन पर मुफ्त चाय की सुविधा दी जा रही है। यह सुविधा विशेष रूप से लंबी यात्रा से थके हुए श्रद्धालुओं के लिए सुकून देने वाली है।
5. आराम स्थलों की सुविधा
अब यात्रा मार्ग में चढ़ाई के दौरान बुजुर्गों और बच्चों के लिए आराम स्थलों (रेस्ट पॉइंट्स) की व्यवस्था की गई है। इन स्थलों पर बैठने, पानी पीने और राहत लेने की सुविधा रहेगी ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी न हो।
निष्कर्ष: आस्था और सुरक्षा दोनों पर सरकार का ध्यान
पहलगाम जैसे आतंकी हमलों के बाद जब पूरा देश सदमे और गुस्से में था, तब माता वैष्णो देवी यात्रा पर रोक एक साहसिक लेकिन आवश्यक निर्णय था। लेकिन सरकार और सुरक्षाबलों की सतर्कता से अब हालात सामान्य हुए हैं और भक्तों को न केवल दर्शन की अनुमति दी गई है, बल्कि उन्हें सम्मानपूर्वक सुविधाएं भी दी जा रही हैं।
यह साबित करता है कि भारत अपनी आस्था की रक्षा के साथ-साथ सुरक्षा को भी प्राथमिकता देता है। माता वैष्णो देवी यात्रा के दोबारा शुरू होने से भक्तों में खुशी की लहर है और ये यात्रा अब पहले से भी ज्यादा सुविधाजनक हो गई है।