दिल्ली ब्लास्ट मामले में अब जांच नई दिशा में बढ़ती दिख रही है। लाल किले के पास हुए धमाके के बाद दो कारों—आई20 और लाल रंग की इको स्पोर्ट्स—की तलाश में जुटी सुरक्षा एजेंसियों को अब तीसरी कार की जानकारी मिली है। सूत्रों के अनुसार, जांच में पता चला है कि संदिग्ध आतंकियों ने एक ब्रिजा (Brezza) कार का भी इस्तेमाल किया था। पुलिस ने इस सुराग के आधार पर फरीदाबाद में कई स्थानों पर छापेमारी की और घंटों की मशक्कत के बाद यह कार अल-फलाह यूनिवर्सिटी के परिसर से बरामद कर ली गई है।
जानकारी के अनुसार, ब्रिजा कार को डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल चला रहे थे, जो इस हमले की साजिश में शामिल बताए जा रहे हैं। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि इस कार के जरिए विस्फोट से पहले और बाद में आतंकी मूवमेंट हुआ था। जांच एजेंसियां अब इस गाड़ी से मिले डिजिटल सबूतों, फिंगरप्रिंट्स और GPS डेटा को खंगाल रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि धमाके की योजना कहां और कब बनाई गई थी।
लाल किले के पास आई20 कार में हुए धमाके ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इस धमाके में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हैं। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि विस्फोटक सामग्री को कार के ईंधन टैंक के नीचे छिपाया गया था। पुलिस ने घटना के बाद एनसीआर क्षेत्र में रेड अलर्ट घोषित करते हुए फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद में लगातार छापेमारी की। इसी दौरान लाल रंग की इको स्पोर्ट्स कार भी खण्डवाली इलाके से बरामद की गई थी, जिससे जांच एजेंसियों को कई अहम सुराग मिले।
इस बीच, डीएनए रिपोर्ट ने पुष्टि कर दी है कि धमाके में मारा गया आतंकी वास्तव में डॉ. उमर उन नबी ही था। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि धमाके के बाद कार का स्टीयरिंग और एक्सीलेरेटर उसके पैर में फंसे मिले थे। पुलिस ने उसके परिवार से डीएनए सैंपल लेकर मिलान किया, जिससे उसकी पहचान की पुष्टि हो गई।
दिल्ली पुलिस और एनआईए की टीम अब पूरे नेटवर्क को उजागर करने में जुटी है। बताया जा रहा है कि यह नेटवर्क जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ है। इस संगठन के खिलाफ 19 अक्टूबर से ही जम्मू-कश्मीर में कार्रवाई चल रही है। कश्मीर के नौगाम इलाके में मिले आपत्तिजनक पोस्टरों के बाद पुलिस ने तीन संदिग्धों — आरिफ निसार, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद — को गिरफ्तार किया था। इन सभी से पूछताछ में यह जानकारी मिली कि देश के बड़े शहरों में विस्फोट की योजना बनाई गई थी।
फिलहाल पुलिस और खुफिया एजेंसियां दिल्ली, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में समन्वय के साथ काम कर रही हैं। तीसरी कार की बरामदगी ने इस केस में नया मोड़ ला दिया है। अब जांच इस बात पर केंद्रित है कि क्या तीनों कारों का इस्तेमाल एक ही दिन अलग-अलग जगहों पर धमाका करने के लिए किया जाना था या यह किसी बड़े मॉड्यूल का हिस्सा था। दिल्ली ब्लास्ट केस अब राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे अहम जांच बन गया है और आने वाले दिनों में इसमें कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं।