पीरियड्स के दौरान हो रही है हैवी ब्लीडिंग? न करें नजरअंदाज
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अगर पीरियड्स में ब्लीडिंग 80 मिलीलीटर से ज्यादा हो या फिर 7 दिनों से ज्यादा हो रहा है, तो उसे हैवी ब्लीडिंग कहा जाता है। इसके कई सारे कारण हो सकते हैं।
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हैवी ब्लीडिंग के कारणों में मेनोरेजिया, हार्मोनल असंतुलन, थायराइड या पीसीओएस जैसी समस्याएं शामिल है। इन कारणों से भी कुछ महिलाओं का हैवी ब्लीडिंग होने लगता है।
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मेनोरेजिया एक ऐसी मेडिकल स्थिति है, जिसमें पीरियड्स 7 दिनों से ज्यादा होता है। इसके साथ ही पीरियड्स का साइकिल 21 दिन या उससे कम का हो जाता है। इसे ही हैवी पीरियड्स कहा जाता है, जिससे महिलाओं को काफी समस्या होती है।
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मेनोरेजिया होने पर कई बार ज्यादा ब्लीडिंग होती है। ऐसे में महिलाओं को इसकी जानकारी नही होती है। आपको बता दें कि इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है। क्योंकि इसकी वजह से महिलाएं इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया नामक बीमारी की शिकार हो सकती हैं।
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इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया को आईटीपी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ब्लड डिसऑर्डर होता है। यह इम्यून सिस्टम के किसी भी प्लेटलेट्स पर हमला कर देता है और उसे नष्ट करने का प्रयास करता है। इस कारण से इसे लो प्लेटलेट की तरह माना जाता है।
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इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया की समस्या होने पर यह महिलाओं के शरीर में ब्लड क्लॉट बनने नहीं देता है। इस वजह से महिलाओं को हैवी ब्लीडिंग की समस्या होने लगती है।
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इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया से जान को खतरा नहीं होता है। इसे दवाओं के जरिए आसानी से ठीक किया जा सकता है। हैवी ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर को दिखाएं और उनकी सलाह से दवाओं का सेवन करें।
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