भारत की वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण, वह उल्लेखनीय महिला हैं जो भारतीय राजनीति/अर्थव्यवस्था के शिखर पर चढ़कर देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनीं, उन्होंने दृढ़ संकल्प, बुद्धि और दृढ़ता की अपनी यात्रा से देश को मंत्रमुग्ध कर दिया है। 18 अगस्त, 1959 को तमिलनाडु के ऐतिहासिक शहर मदुरै में जन्मी निर्मला सीतारमण की जीवन कहानी सार्वजनिक सेवा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। जैसा कि हम उनकी 64वीं जयंती मना रहे हैं, आइए 10 दिलचस्प तथ्यों पर गौर करें जो उनके असाधारण जीवन को उजागर करते हैं।
1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: निर्मला सीतारमण एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। उनके पिता, नारायणन सीतारमण, भारतीय रेलवे में कार्यरत थे, जबकि उनकी माँ, सावित्री सीतारमण, ने खुद को गृहकार्य के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने तिरुचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की। 1984 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से मास्टर डिग्री के साथ उनकी शैक्षणिक गतिविधियां जारी रहीं। ज्ञान के लिए निर्मला सीतारमण की प्यास यहीं नहीं रुकी; उन्होंने भारत-यूरोपीय कपड़ा व्यापार पर एक शोध प्रबंध के साथ पीएचडी पूरी करके अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाया।
2. कॉर्पोरेट सफलता: राजनीति में कदम रखने से पहले, सीतारमण का कॉर्पोरेट करियर सफल रहा। उन्होंने एक प्रमुख कंपनी के लिए सेल्सवुमन के रूप में काम किया, जिससे उन्हें व्यापार और वाणिज्य की दुनिया में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्राप्त हुई। इस अनुभव ने भारत की आर्थिक नीतियों को आकार देने में उनकी बाद की भूमिका की नींव रखी।
3. राजनीतिक जुड़ाव: निर्मला सीतारमण का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ जुड़ाव 2000 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ। पार्टी के भीतर उनके समर्पण, योग्यता और अथक प्रयासों ने तुरंत पार्टी नेताओं का ध्यान खींचा। इसके कारण उन्हें पार्टी संरचना के भीतर विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभानी पड़ीं।
4. प्रवक्ता और प्रमुख नेता: सीतारमण के स्पष्ट संचार कौशल ने उन्हें भाजपा के आधिकारिक प्रवक्ता की भूमिका दिलाई। जटिल विचारों को समझने योग्य तरीके से प्रस्तुत करने की उनकी क्षमता ने पार्टी की संचार रणनीति में योगदान दिया। उनके प्रभावी संचार ने देश भर के लोगों से जुड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
5. वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री: 2014 में, सीतारमण को वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में नियुक्त किया गया था। इस भूमिका में उनके कार्यकाल में उन्हें व्यापार वार्ता में सक्रिय रूप से भाग लेने, भारत के निर्यात को बढ़ावा देने और विभिन्न देशों के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने में मदद मिली।
6. कैबिनेट रैंक में पदोन्नत: उनके असाधारण नेतृत्व गुणों और योगदान को पहचानते हुए, निर्मला सीतारमण को 2017 में कैबिनेट रैंक में पदोन्नत किया गया था। यह उनके राजनीतिक करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
7. भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री: 2019 में, निर्मला सीतारमण ने भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनकर इतिहास रच दिया। इस महत्वपूर्ण पद पर उनकी नियुक्ति ने आर्थिक मामलों में उनकी विशेषज्ञता और जटिल वित्तीय परिदृश्यों को नेविगेट करने की उनकी क्षमता को रेखांकित किया।
8. बजट प्रस्तुतियाँ: सीतारमण की बजट प्रस्तुतियाँ सरकार की आर्थिक दृष्टि और प्राथमिकताओं को रेखांकित करने में सहायक रही हैं। उनकी सावधानीपूर्वक योजना और नवीन दृष्टिकोण का उद्देश्य अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को बढ़ावा देना, समावेशिता को बढ़ावा देना और सतत विकास सुनिश्चित करना है।
9. आर्थिक सुधार और नीतियां: सीतारमण के नेतृत्व में, भारत ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ाने, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देने और कराधान प्रणाली को सरल बनाने के उद्देश्य से कई आर्थिक सुधार और नीतियां देखीं। संरचनात्मक सुधारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता भारत के आर्थिक प्रक्षेप पथ को आकार देने में महत्वपूर्ण रही है।
10. अभूतपूर्व चुनौतियों से निपटना: वित्त मंत्री के रूप में सीतारमण का कार्यकाल COVID-19 महामारी के साथ मेल खाता था, जिसने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के लिए अभूतपूर्व चुनौतियाँ पैदा कीं। आत्मनिर्भर भारत अभियान (आत्मनिर्भर भारत अभियान) जैसे उपायों के माध्यम से आर्थिक गिरावट से उनके कुशल प्रबंधन ने संकटों से निपटने में उनके लचीलेपन और दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित किया।