Aaj Ka Panchang 20 February 2025: आज 20 फरवरी, 2025 को फाल्गुन माह का आठवां दिन है यानी आज इस माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 19 मिनट 52 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 39 मिनट 11 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह शिशिर ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण होकर गोचर कर रहे हैं। आइए जानते हैं, 20 फरवरी के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
श्री सर्वेश्वर पञ्चाङ्गम् 🌞 🌕
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🚩🔱 धर्मो रक्षति रक्षितः🔱 🚩
🌅पंचांग- 20.02.2025🌅
युगाब्द - 5125
संवत्सर - कालयुक्त
विक्रम संवत् -2081
शाक:- 1946
ऋतु- बसंत
सूर्य __ उत्तरायण
मास - फाल्गुन
पक्ष _ कृष्णपक्ष
वार - गुरुवार
तिथि_ सप्तमी 09:57:44
नक्षत्र विशाखा 13:29:14
योग ध्रुव 11:32:38
करण बव 09:57:44
करण बालव 23:01:33
चन्द्र राशि - वृश्चिक
सूर्य राशि - कुम्भ
🚩🌺 आज विशेष 🌺🚩
👉 कालाष्टमी
🍁 अग्रिम (आगामी पर्वोत्सव 🍁
👉 विजया एकादशी व्रत
24 फर. 2025 (सोमवार)
👉 प्रदोष व्रत/ व्यतिपात पुण्यं
25 फर. 2025 (मंगलवार)
👉 महाशिवरात्रि व्रत
26 फर. 2025 (बुधवार)
👉 देवपितृ कार्य अमावस
27 फर. 2025 (गुरुवार)
🕉️🚩 यतो धर्मस्ततो जयः🚩🕉️
💐आज की कहानी💐
💐घमण्ड💐
एक आदमी को इस बात पर बहुत घमण्ड था कि मेरे बिना मेरा परिवार नहीं चल सकता, उसकी एक छोटी सी किराने की दुकान थी उससे जो भी कमाई होती थी, उसी से परिवार का गुजारा चलता था, क्योंकि पूरे घर में कमाने वाला वह अकेला ही था इसलिए उसे लगता था कि उसके बगैर सब भूखे मरेंगे।
एक दिन वह पूर्ण संत जी के सत्सँग में गया, सन्त जी ने उस पर दृष्टि डाली और फरमाया, यह घमण्ड झूठा और फिजूल है कि मेरे बिना मेरा परिवार भूख से मर जायेगा, मैं ही सब को खाना खिलाता हूँ, ये सब मेरे प्रभु की लीला है, वो तो पत्थरों के नीचे रहने वाले जीवों को भी भोजन पहुँचाता है, उस आदमी के मन में कई सवाल उठने लगे।
सत्संग समाप्त होने के बाद, उस आदमी ने सन्त जी से कहा कि मैं दिन भर कमाकर जो पैसे लाता हूं उसी से मेरे घर का खर्च चलता है, मेरे बिना तो मेरे परिवार के लोग भूखे ही मर जाएंगे।
सन्त जी ने उसे बड़े ही प्यार से समझाया, बेटा यह तुम्हारे मन का भ्रम है, हर कोई अपने भाग्य का ही खाता है, वो आदमी बोला यदि ऐसा है तो आप मुझे साबित करके दिखाओ।
सन्त जी ने हँस कर कहा, ठीक है बेटा , तुम बिना किसी को बताए, अपने घर से एक महीने के लिए चले जाओ, उसने पूछा कि मेरे परिवार का ध्यान कौन रखेगा, सन्त जी ने समझाया बेटा परमात्मा सब का ध्यान रखता है, तुम्हें यही तो देखना है, वो चुपचाप चला गया और कुछ दिनों के बाद गाँव में ये अफवाह फैल गई कि उसे शेर खा गया होगा।
उसके परिवार वाले कई दिनों तक उसे ढूँढते भी रहे और रोते भी रहे लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला, आखिरकार गाँव के कुछ भले लोग उनकी मदद के लिए आ गये। एक सेठ ने उसके बड़े लड़के को अपने यहाँ नौकरी दे दी, गाँव वालों ने मिलकर उसकी बेटी की शादी कर दी। एक भला आदमी उसके छोटे बेटे की पढ़ाई का पूरा खर्च देने को तैयार हो गया।
एक महीने बाद वही आदमी छिपता छिपाता रात के वक्त अपने घर लौट आया, पहले तो घर वालों ने भूत समझकर दरवाजा ही नहीं खोला, जब वह बहुत गिड़गिड़ाया और उसने सन्त जी से हुई सारी बातें बताई तो उसकी बीवी ने कहा कि अब हमें तुम्हारी कोई जरूरत नहीं है, अब तो हम पहले से भी ज्यादा सुखी हैं, उस आदमी का सारा घमण्ड चूर-चूर हो गया। वो रोता हुआ, सन्त जी के डेरे पर चला गया और कहने लगा कि मुझे माफ कर दो, सन्त जी ने बड़े प्यार से कहा, अब तुम्हें अपने घर वापिस जाने की क्या ज़रूरत है?
बेटा, इस जगत को चलाने का दावा करने वाले बड़े बड़े बादशाह, मिट्टी हो गए, दुनिया उनके बिना भी चलती रही है इसलिए अपनी ताकत का, अपने पैसे का, अपने काम काज का, अपने ज्ञान का घमण्ड फिजूल है, अब तुम्हें बाकी का सारा जीवन मालिक की भक्ति में और लाचारों की सेवा में लगा कर इसे सफल करना है।
वो आदमी सन्त जी के चरणों में गिर पड़ा और रोते हुए बोला, आप जो भी कहेंगे, आज से मैं वही करूँगा। एक बार सोचना ज़रूर, कहीं हम भी किसी चीज़ का घमण्ड तो नहीं कर रहे हैं।
जय जय श्री सीताराम👏
जय जय श्री ठाकुर जी की👏
(जानकारी अच्छी लगे तो अपने इष्ट मित्रों को जन हितार्थ अवश्य प्रेषित करें।)
ज्यो.पं.पवन भारद्वाज(मिश्रा)
व्याकरणज्योतिषाचार्य
राज पंडित-श्री राधा गोपाल मंदिर
(जयपुर)