मुंबई, 14 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। इजराइल में डॉक्टरों ने 12 साल के एक बच्चे के सिर को दोबारा जोड़ दिया है। द टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, सुलेमान हसन का एक्सीडेंट हो गया था। वे साइकिल चलाते समय कार से टकरा गए थे जिसके बाद उनका सिर अंदरूनी तौर पर गर्दन से अलग हो गया था। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना पिछले महीने यानी जून की है, लेकिन डॉक्टरों ने जुलाई तक इस घटना को सार्वजनिक नहीं किया। डॉक्टर्स का कहना है कि सुलेमान हसन की रिकवरी किसी चमत्कार से कम नहीं थी क्योंकि उसके जीवित रहने की संभावना बेहद कम थी। सर्जरी कई घंटे चली। फिलहाल सुलेमान को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
तो वहीं, डॉक्टर्स ने बताया कि सर्जरी के दौरान उन्होंने सुलेमान के सिर को रीढ़ की हड्डी से जोड़ने के लिए रॉड, स्क्रू, प्लेट्स और बोन ग्राफ्ट्स का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि ये सर्जरी इसलिए संभव हुई क्योंकि सड़क हादसे में सुलेमान की मुख्य नसों को नुकसान नहीं हुआ था। इससे दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन बना रहा। ऐसा नहीं होता तो ब्रेन डेड हो जाता और उसकी मौके पर ही मौत हो जाती। वहीं, सर्जरी करने वाले हादासाह मेडिकल सेंटर के डॉ. ओहद इनाव और डॉ. जिव आसा ने बताया कि सुलेमान को कोई न्यूरोलॉजिकल कमी या सेंसरी प्रॉब्लम नहीं है। उसके शरीर में किसी तरह की शिथिलता नहीं है और वो बिना मदद के चल सकता है। लेकिन कुछ समय तक उसे फिजियोथेरेपी दी जाएगी। जिसके बाद ही वो सिर और गर्दन को मूव कर सकेगा।
आपको बता दें, इस स्थिति को मेडिकल साइंस में इंटर्नल डिकैपिटेशन कहा जाता है। इंटर्नल डिकैपिटेशन में सिर, रीढ़ की हड्डी के ऊपरी हिस्से से अलग हो जाता है, लेकिन बहारी तौर पर चमड़ी से जुड़ा रहता है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह ऐसी स्थिति है जब सिर को स्पाइनल कॉर्ड (रीढ़) के टॉप वर्टिब्रे से जोड़ने वाली मांसपेशियां जोर का झटका लगने पर फट जाती हैं। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह की चोट बहुत ही दुर्लभ है। रीढ़ की हड्डी में ऐसी चोट के मामले एक प्रतिशत से भी कम सामने आते हैं। हालांकि, इंटर्नल डिकैपिटेशन के मामलों की ज्यादा जानकारी नहीं है क्योंकि इससे पीड़ित 70 प्रतिशत लोगों की मौके पर ही या अस्पताल ले जाते समय मौत हो जाती है। फिलाडेल्फिया के चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल में हुई स्टडी के मुताबिक, 1983 से 2003 के बीच (17 सालों में) इंटर्नल डिकैपिटेशन के 16 मामले सामने आए।