मुंबई, 05 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केन्या के राष्ट्रपति विलियम सामोई रुटो तीन दिन की स्टेट विजिट पर भारत आए हैं। इस दौरान उन्हें राष्ट्रपति भवन में सेरेमोनियल वेलकम दिया गया। उनके स्वागत के वक्त राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे। दोनों नेताओं ने साझा बयान जारी किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- मुंबई और मुंबासा को जोड़ता महासागर हमारे रिश्तों का साक्षी रहा है। उन्होंने हिंद-प्रशांत महासागर में केन्या और भारत में समुद्री लूटेरों और दूसरी चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने की बात कही। दरअसल, हिंद महासागर और अरब की खाड़ी में सोमाली समुद्री लूटेरों ने सैकड़ों जहाजों पर हमला किया है। इनमें कई बार भारतीय नाविक भी निशाने पर आए हैं। इसके अलावा भारत और केन्या स्पेस और डिफेंस सेक्टर में साझेदारी बढ़ाएंगे।
तो वहीं, PM मोदी ने कहा, पिछली सदी में हमने मिलकर उपनिवेशवाद का विरोध किया। हमारा अतीत भी साझा है और भविष्य भी। आतंकवाद मानवता के खिलाफ सबसे बड़ी चुनौती है। पीएम मोदी ने कहा- केन्या में भारतीय मूल के 80 हजार लोग रहते हैं। वो उनके लिए दूसरे घर की तरह है। इस पर केन्या के राष्ट्रपति रुटो ने कहा कि हमने भारतीयों को 2017 में नागरकिता दी है। अब केन्या उनका दूसरा नहीं पहला घर है। केन्या के राष्ट्रपति ने भारत अफ्रीकन युनियन को G20 का सदस्य बनवाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा भारत अफ्रीकी देशों को वैश्विक स्तर पर आवाज देने का काम कर रहा है। रुटो ने ये भी कहा कि वो भारत की तरह अपने लोगों के लिए घर और हेल्थ कार्ड बनवाने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा भारत 250 मिलियन डॉलर का कर्ज देकर केन्या को अपने कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए मदद करेगा। कोरोना की दूसरी लहर में जब भारत जूझ रहा था तब केन्या ने समर्थन देने के तौर पर भारत को 14 गाय भेजी थी। इसका सोशल मीडिया पर काफी मजाक उड़ाया गया था। हालांकि, ये केन्या का ये जाहिर करने का तरीका है कि वो मुश्किल वक्त में साथ है। केन्या ने 9/11 के आतंकी हमले के बाद अमेरिका में भी कुछ गाय भेजी थी।