रूस-यूक्रेन युद्ध में एक नया मोड़ तब आया जब ब्रिटेन ने यूक्रेन को 580 मिलियन डॉलर (करीब 350 मिलियन पाउंड) की नई सैन्य सहायता देने की घोषणा की है। यह सहायता ब्रिटेन के 4.5 बिलियन पाउंड के कुल सैन्य सहायता पैकेज का हिस्सा है, जिसे वर्ष 2024 में यूक्रेन को सहयोग देने के लिए तैयार किया गया है। इस मदद से यूक्रेन की सैन्य ताकत को बढ़ावा मिलेगा और रूस के हमलों का जवाब देने की रणनीति को मजबूती मिलेगी।
ब्रिटेन का आधिकारिक बयान
ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को पुष्टि की कि यह नई सहायता रूस के साथ किसी भी संभावित शांति समझौते से पहले यूक्रेन की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ब्रिटिश रक्षा मंत्री जॉन हीली, जर्मन समकक्ष बोरिस पिस्टोरियस के साथ मिलकर ब्रुसेल्स में आयोजित यूक्रेन रक्षा संपर्क समूह की बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। इस समूह में नाटो और अन्य सहयोगी देश भी शामिल हैं जो यूक्रेन को हरसंभव मदद देने का संकल्प ले चुके हैं।इस सहायता पैकेज के तहत यूक्रेन को सैन्य वाहन, रडार सिस्टम, मरम्मत उपकरण और अन्य जरूरी सामरिक संसाधन दिए जाएंगे, जो युद्ध के मैदान में यूक्रेनी सेना को मजबूती देंगे।
रूस के हमले और स्थिति की गंभीरता
वर्तमान में रूस ने यूक्रेन पर हमले और तेज कर दिए हैं। हाल ही में रूस ने कीव को निशाना बनाकर घातक हमले किए, जिसमें कई नागरिक घायल हुए। इससे पहले, रूस ने क्रीवी रीह जैसे शहरों पर भी बमबारी की थी। रूस की यह रणनीति युद्धविराम वार्ता से पहले यूक्रेन पर दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है।
रूस की नई आक्रमण योजना?
यूक्रेन के वरिष्ठ अधिकारियों ने आशंका जताई है कि रूस जल्द ही एक नया सैन्य आक्रमण शुरू कर सकता है। उनका मानना है कि क्रेमलिन युद्धविराम वार्ता में अपने पक्ष को मज़बूत करने की रणनीति के तहत कीव और अन्य प्रमुख शहरों पर दबाव बनाए रखेगा। लगातार हो रहे हमलों और नई सैनिक तैनातियों से यह संकेत मिल रहे हैं कि रूस किसी बड़े सैन्य ऑपरेशन की तैयारी में है।
यूक्रेन को मिला नैतिक समर्थन
ब्रिटेन की इस मदद को सिर्फ सैन्य ही नहीं, बल्कि राजनयिक और नैतिक समर्थन भी माना जा रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यूरोपीय देश रूस के खिलाफ यूक्रेन के संघर्ष को कमजोर नहीं होने देना चाहते।
निष्कर्ष
यूक्रेन को ब्रिटेन की ओर से मिली 580 मिलियन डॉलर की नई सहायता युद्ध में उसे राहत पहुंचाने वाला कदम साबित हो सकता है। जहां एक ओर रूस नए हमलों की तैयारी में है, वहीं दूसरी ओर यूक्रेन को वैश्विक सहयोग से नई ताकत मिल रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले हफ्तों में यह सैन्य और रणनीतिक संतुलन किस ओर झुकता है।