लखनऊ न्यूज डेस्क: गुरुवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ लखनऊ दौरे पर रहे, जहां उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की आत्मकथात्मक पुस्तक 'चुनौतियां मुझे पसंद हैं' का लोकार्पण किया। यह कार्यक्रम डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU) के न्यू कैंपस में आयोजित किया गया था। विमोचन के दौरान उपराष्ट्रपति ने आतंकवाद, नेतृत्व और व्यक्तिगत अनुभवों का ज़िक्र करते हुए कई रोचक और तीखे टिप्पणियां कीं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ‘डायनामिक’ नेता बताया, जिन्होंने देश को चुनौतियों से उबार कर उन्हें अवसरों में बदला।
धनखड़ ने राज्यपाल को संबोधित करते हुए कहा कि उनके घर में एक बड़ी चुनौती मौजूद है और वो इसका हल जानने के लिए राजभवन में भोजन के दौरान ‘गुरुमंत्र’ लेने आएंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि उन्हें समाधान नहीं मिला, तो उन्हें एकलव्य बनना पड़ेगा। साथ ही, उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि उन्होंने ‘चुनौती’ से सात फेरे लिए हैं और अब वह जीवनभर इसके साथ जीने के आदी हो चुके हैं।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी प्रशंसा की और कहा कि योगीजी में कायरता का कोई अंश नहीं है। जेवर एयरपोर्ट का ज़िक्र करते हुए उन्होंने उसे विकास की प्रतीक बताया और कहा कि यह उत्तर प्रदेश को वैश्विक मानचित्र पर नई पहचान देगा। उन्होंने गंभीर लहजे में यह भी कहा कि सबसे खतरनाक चुनौती वह होती है, जिसकी बात तक नहीं की जा सकती और जो अपने ही लोगों से मिलती है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपनी पुस्तक को लेकर बताया कि इसे लिखने में उनके पूरे परिवार का योगदान रहा है और इसकी कीमत 500 रुपये रखी गई है—किसी को मुफ्त में नहीं मिलेगी, क्योंकि वह 'अहमदाबादी' हैं। उन्होंने मज़ाकिया लहजे में कहा कि एक ही कप में तीन लोग चाय पीने की उनकी आदत है। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुस्तक को ‘ग्रंथ’ की उपमा दी और कहा कि यह राज्यपाल के जीवन के संघर्षों और अनुभवों का सार है, जो सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।