आशियाना इलाके में शुक्रवार को घर के सामने पटाखा फोड़ने का विरोध करने पर दबंगों ने तीन सगे भाइयों को पीटकर लहूलुहान कर दिया था। आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने घायलों को लोकबंधु अस्पताल भेजकर उनकी मां से मनमाफिक तहरीर लिखवाकर चार लोगों के खिलाफ हल्की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर मामला रफा-दफा कर दिया था। मंगलवार सुबह अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर लौटे तीनों भाइयों ने पकरी पुल चौराहे पर स्थित मंदिर के चबूतरे पर बैठकर धरना शुरू कर दिया। पुलिस पर आरोपियों से साठगांठ का आरोप लगाते हुए उचित धाराओं में केस दर्ज करने की मांग की। धरना-प्रदर्शन के चलते काफी दूर तक जाम लग गया। इसमें कई एंबुलेंस भी फंसी रहीं। मगर मौजूद पुलिसकर्मी जाम खुलवाकर एंबुलेंस निकलवाने की बजाय मूकदर्शक बने रहे।
सावित्री देवी ( माँ )के मुताबिक, शुक्रवार को गांव के कुछ दबंग युवक उनके घर के सामने तेज़ धमाके वाले पटाखे जला रहे थे। उनके बेटों ने दरवाज़े से दूर पटाखे जलाने को कहा तो दबंगों ने गाली गलौज की। फिर आरोपी दिनेश यादव, सत्यम यादव, नमित यादव व गोलू यादव ने लाठी-डंडे व ईंटों से हमला कर सावित्री के पुत्र अनिल वर्मा, अरुण व राममिलन को लहूलुहान कर दिया था। सावित्री देवी का आरोप है कि उनके बेटे चार दिन तक अस्पताल में भर्ती रहे मगर कार्रवाई तो दूर पुलिस ने एक बार हाल भी जानने की कोशिश नहीं की। जबकि उन्होंने आशियाना की एलडीए चौकी प्रभारी को आरोपियों के घर जाकर चाय-नाश्ता करते देखा है।