लखनऊ.यूपी में छात्रों के विकास के लिए सरकार द्वारा चलाई गई छात्र शुल्क प्रतिपूर्ति योजना (स्कॉलरशिप योजना) राज्य सरकार की सर्वोत्तम योजनाओ में एक है। इन योजनाओं में भी लोगो ने अपना पैसा बनाना शुरू कर दिया था इसके चलते इस बार सरकार पहले से ही सचेत हो गयी है, इसलिए उसने इस बार इस योजना में कुछ संशोधन किया है जिसमे उसने छात्रों से जवाब तक माँगा है की वो फार्म क्यों नहीं भर रहे है
आइये जानते है क्या क्या बदलाव किये गए है -
नवीनीकरण नहीं किया तो दे जवाब
यदि आपने छात्र प्रतिपूर्ति योजना का एक बार लाभ उठाया है और आप दूसरी बार इस योजना के लिए फार्म नहीं भरते है तो आपको इसका जवाब देना होगा अगर आप ऐसा नहीं करते है तो आप पर कार्यवाही तक हो सकती है या तो आपको जवाब देना होगा की आपने ऐसा क्यों नहीं किया है इसमें कोई भी घटना शामिल हो सकती है जिसकी वजह से आप नवीनीकरण करने से रह गए।
75 प्रतिशत उपस्थिति नहीं तो स्कॉलरशिप नहीं
इस बार सरकार विद्याथियों के भविष्य को लेकर थोड़ा सचेत हो गयी है। अब यदि आपकी कक्षा में उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम होगी तो आपको स्कॉलरशिप नहीं दी जाएगी। पिछले साल के कुछ आकड़ो से पता चलता है की कुछ ऐसे भी विद्यार्थी है जिन्होंने कक्षा में उपस्थित न होकर भी पूरी स्कॉलरशिप ले ली जिन पर अब शिकंजा कसा जायेगा करने वाले शिक्षक और छात्र दोनों को ही हिरासत में ले लिया जायेगा।
दिव्यांगों को मिलेगा दस प्रतिशत ज्यादा लाभ
दिव्यांगों को ध्यान में रखते हुए इस बार सरकार ने इस योजना में एक सबसे बड़ा बदलाव यह किया है जिसमे हर दिव्यांग को एक साधारण छात्र के मुकाबले 10 प्रतिशत ज्यादा की धनराशि मिलेगी , बीते सालो की बात की जाय तो उसमे ऐसा कुछ नहीं होता था उसमे एक साधारण छात्र और दिव्यांग छात्र की स्कॉलर सामान आती थी लेकिन इस बार से यह नियम लगा दिया गया है जिससे दिव्यांगों को 10 प्रतिशत का ज्यादा लाभ होगा।
आयु में बड़े छात्र रह जायेंगे इससे वंचित
इस बार इस योजना की प्रणाली में खासा संशोधन कर दिए गए है जिसके अंतर्गत इस बार आयु में बड़े छात्र इसका लाभ नहीं ले पाएंगे छात्रों की शुल्क भरपाई को देखते हुए सरकार ने यह नियम बनाया है साथ ही शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में घोटाले करने वाले प्राचार्य और छात्र दोनों पर उचित कार्यवाही की जाएगी।