लखनऊ न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के वजीरगंज इलाके में स्थित सिविल कोर्ट में गुरुवार को एक हृदयविदारक घटना घटी। 32 वर्षीय महिला, अधिवक्ता माया रावत, ने कोर्ट की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। तुरंत ही उसे इलाज के लिए बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी मौत हो गई।
घटना से पहले, माया रावत ने फेसबुक पर लाइव आकर अपनी पीड़ा और अंतिम इच्छाओं को साझा किया। माया ने लाइव के दौरान पुलिस और वकील समुदाय से भावुक अपील की कि उनकी मौत के बाद उनकी डेड बॉडी को मायके न भेजा जाए, बल्कि ससुराल, इटौंजा ले जाकर वहीं उनका अंतिम संस्कार किया जाए। माया ने कहा कि उनका जीवनभर कोई सपना पूरा नहीं हुआ, लेकिन वह उम्मीद करती हैं कि उनकी आखिरी इच्छा पूरी की जाए और उनका अंतिम संस्कार ससुराल में किया जाए।
माया रावत ने फेसबुक पर तीन बार लाइव जाकर अपनी आखिरी इच्छाओं और दर्द को सबके सामने रखा। लाइव में माया ने कहा कि उसका दहेज का सामान उसके छोटे भाई इंद्रपाल को दिया जाए, जिसने उसकी दवाईयों पर काफी पैसे खर्च किए हैं। उसने बताया कि उसके पास डेढ़ लाख रुपये नकद हैं और अपने मुकदमे से संबंधित जो भी रकम हो, वह उसके पति को दिलाई जाए। माया ने अपनी पीड़ा बयां करने के बाद सभी को भावुक होकर अंतिम प्रणाम किया। वजीरगंज थाना प्रभारी ने भी माया रावत की मौत की पुष्टि कर दी है। बताया जा रहा है कि माया की शादी इटौंजा के सतीश से हुई थी और पिछले 10 साल से उनका मामला कोर्ट में लंबित है। गुरुवार को माया अपने केस की सुनवाई के लिए कोर्ट में उपस्थित थी।