लखनऊ न्यूज डेस्क: अब गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर के लिए ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ेगा। लखनऊ के तीन प्रमुख अस्पतालों में वेंटिलेटर की सुविधा बढ़ाई जा रही है, जिससे मरीजों को आसानी से बेड मिल सकेगा। लगभग 230 नए वेंटिलेटर बेड जोड़े जाएंगे, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। फिलहाल, राजधानी के चार बड़े सरकारी अस्पतालों में करीब 560 वेंटिलेटर बेड संचालित हो रहे हैं, लेकिन बढ़ती जरूरत को देखते हुए इस संख्या को बढ़ाने का फैसला किया गया है।
केजीएमयू में 100 बेड का नया आईसीयू-वेंटिलेटर ब्लॉक बनाया जाएगा, जहां गंभीर रूप से बीमार मरीजों, गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को प्राथमिकता दी जाएगी। कुलपति पद्मश्री डॉ. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि नया ब्लॉक बनने से मरीजों को समय पर वेंटिलेटर की सुविधा मिल सकेगी। वर्तमान में केजीएमयू में 350 आईसीयू-वेंटिलेटर बेड हैं, और इस नई सुविधा के जुड़ने से इलाज में और सुधार आएगा। नए ब्लॉक के लिए स्थान का चयन हो चुका है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा।
मातृ एवं शिशु रेफरल हॉस्पिटल में भी 100 नए वेंटिलेटर बेड जोड़े जा रहे हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने बजट आवंटित कर दिया है, और भवन निर्माण कार्य पहले से जारी है। संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह के अनुसार, अब तक 40% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। फिलहाल, अस्पताल में 80 बेड के आईसीयू और वेंटिलेटर का संचालन किया जा रहा है, लेकिन नए आईसीयू ब्लॉक के बनने के बाद इसकी क्षमता दोगुनी हो जाएगी। दिसंबर 2025 तक यह परियोजना पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि मरीजों को समय पर वेंटिलेटर सुविधा मिल सके।
एक अन्य अस्पताल में भी 300 बेड की सुविधा दी जा रही है, जहां 40 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं, लेकिन फिलहाल केवल 10 का संचालन हो रहा है। बाकी वेंटिलेटर को जल्द ही शुरू किया जाएगा। अस्पताल प्रशासन ने निजी अस्पतालों के साथ साझेदारी की है, ताकि ई-आईसीयू के माध्यम से मरीजों की सेहत पर निगरानी रखी जा सके। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि निजी अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टर मरीजों की देखभाल में सहयोग करेंगे, जिससे गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज और समय पर वेंटिलेटर मिल सकेगा।