लखनऊ न्यूज डेस्क: अधिवक्ता संशोधन बिल के खिलाफ यूपी में वकीलों का जोरदार प्रदर्शन
केंद्र सरकार के अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के विरोध में यूपी के कई जिलों में वकीलों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। बार एसोसिएशन के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने लखनऊ समेत कई जिलों में बिल की प्रतियां जलाकर विरोध जताया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। लखनऊ में वकीलों ने कलेक्ट्रेट से हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा तक मार्च निकाला और विधानभवन का घेराव करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। इसी तरह, अमेठी में भी वकीलों ने तहसील में प्रदर्शन कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और बिल को अधिवक्ता समाज के अधिकारों का हनन करार दिया।
अधिवक्ताओं ने बिल को बताया 'काला कानून'
अमेठी तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव मूर्ति तिवारी ने कहा कि यह बिल वकीलों के अधिकारों को छीनने का प्रयास है और इसे लागू कर सरकार अधिवक्ताओं का शोषण करना चाहती है। वकील अजीत सिंह ने भी इस बिल को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की स्वायत्तता खत्म करने वाला बताया और कहा कि इससे अधिवक्ताओं की हड़ताल करने की शक्ति खत्म हो जाएगी। उन्होंने इसे संविधान के अनुच्छेद 19 के खिलाफ बताते हुए कहा कि सरकार न्यायपालिका पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रही है, जिसे वकील किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे।
श्रावस्ती में भी विरोध, वकील न्यायिक कार्य से रहे दूर
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आह्वान पर शुक्रवार को श्रावस्ती के अधिवक्ता भी न्यायिक कार्य से विरत रहे। इकौना, भिनगा और जमुनहा में वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार को चेतावनी दी कि यदि यह बिल वापस नहीं लिया गया तो पूरे देश में अधिवक्ता समुदाय बड़ा आंदोलन करेगा। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में वकीलों ने हिस्सा लिया और सरकार से बिल को तुरंत वापस लेने की मांग की।