लखनऊ न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, रविवार को रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनेगी। यहां, उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर दुनिया की सबसे शक्तिशाली और विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस' की प्रोडक्शन यूनिट का उद्घाटन होगा। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह डिजिटल माध्यम से शामिल होंगे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मिलकर इस परियोजना का शुभारंभ करेंगे।
इस समारोह में ब्रह्मोस यूनिट के उद्घाटन के अलावा, मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री टाइटेनियम एंड सुपर एलॉयस मैटेरियल्स प्लांट का भी उद्घाटन करेंगे। यह प्लांट एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए उच्च गुणवत्ता वाले सामग्रियों का उत्पादन करेगा, जिनका उपयोग चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा। इसके साथ ही, ब्रह्मोस एयरोस्पेस की इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी का लोकार्पण भी किया जाएगा, जो मिसाइलों के परीक्षण और एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2018 में उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की घोषणा के बाद से यह परियोजना योगी सरकार की प्राथमिकता रही है। इस कॉरिडोर के छह नोड्स हैं, जिनमें लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट शामिल हैं। इन नोड्स में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए व्यापक निवेश हो रहा है, जिससे इस क्षेत्र में विकास को नया दिशा मिल रही है।
लखनऊ नोड पर स्थापित ब्रह्मोस प्रोडक्शन यूनिट 300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई है, जिसे यूपी सरकार ने 80 हेक्टेयर जमीन निःशुल्क उपलब्ध कराई थी। इस निर्माण कार्य को साढ़े तीन साल में पूरा किया गया। ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त उद्यम का परिणाम है। यह मिसाइल दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 290-400 किलोमीटर है और गति मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है।
यह मिसाइल जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च की जा सकती है और 'फायर एंड फॉरगेट' सिद्धांत पर काम करती है, जिससे यह दुश्मन के रडार से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है। इसके अलावा, लखनऊ नोड में डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम (DTIS) का भी शिलान्यास किया जाएगा, जो रक्षा उत्पादों के परीक्षण और सर्टिफिकेशन में सहायक होगा। यह परियोजना 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल का हिस्सा है और निजी कंपनियों, एमएसएमई और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने का कार्य करेगा।