लखनऊ न्यूज डेस्क: लखनऊ के गोमतीनगर थाना इलाके में आंबेडकर पार्क की दीवार पर लिखा एक स्लोगन विवाद का कारण बन गया है। यह स्लोगन पहलगाम में मारे गए निर्दोष लोगों को लेकर लिखा गया था, जिसमें सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान पर सवाल उठाए गए हैं। स्लोगन में लाल रंग से लिखा गया है कि काश प्रधानमंत्री की नसों में सिंदूर की जगह खून बहता, तो पहलगाम के मारे गए लोगों को न्याय मिल पाता।
यह स्लोगन समाजवादी पार्टी की महिला कार्यकर्ता समयून खान ने लिखवाया था। समयून खान ने बताया कि यह उनका एक संदेश था, जिसका मकसद केवल यह जताना था कि पहलगाम में हुए निर्दोष हत्याकांड के बाद अब तक कोई न्याय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘नसों में सिंदूर’ वाले बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने यह स्लोगन लिखा।
स्लोगन की खबर लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची और तत्काल कार्रवाई करते हुए दीवार से स्लोगन को मिटा दिया। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विवाद को बढ़ने से रोका। वहीं, समयून खान ने बयान जारी कर कहा कि उन्होंने सिर्फ एक सवाल उठाया है कि जिन निर्दोषों की मौत हुई और जिन बहनों के सिंदूर उजड़े, क्या उन्हें न्याय मिला है।
इस पूरे मामले ने राजनीतिक बहस को फिर से तेज कर दिया है। समाजवादी पार्टी ने समयून खान के इस कदम को उनके विचार व्यक्त करने का अधिकार बताया, जबकि पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने पर जोर दिया। विवाद के बीच इस घटना ने समाज में न्याय और संवेदनशीलता की चर्चा को भी जन्म दिया है।