लखनऊ न्यूज डेस्क: लखनऊ में वकीलों और पुलिस के बीच बढ़ते तनाव के चलते पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। शहर के कई प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिसकर्मियों को लाठी और सेफ्टी जैकेट से लैस किया गया है ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। यह सुरक्षा व्यवस्था वकीलों के हड़ताल पर जाने और शहर में रैली निकालने की घोषणा के बाद की गई है।
दरअसल, मामला विभूतिखंड थाने में होली के दिन हुए विवाद से जुड़ा है। इस विवाद के बाद पुलिस और वकीलों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में 150 वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसके बाद वकीलों में आक्रोश है। वकीलों ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। हाईकोर्ट और जिला अदालतों में कामकाज ठप है, जबकि तहसीलों में भी प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। वकीलों ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर उनके खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की मांग की है।
इस पूरे मामले पर लखनऊ बार एसोसिएशन और सेंट्रल बार एसोसिएशन ने संयुक्त बैठक की। इस बैठक में 11 प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें वकीलों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को फर्जी बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की गई। साथ ही विभूतिखंड थाने के दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई गई। वकीलों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने यातायात डायवर्जन और स्कूल बंद करवाकर वकीलों की छवि खराब करने की कोशिश की है।
वकीलों के विरोध के बाद पुलिस ने एक इंस्पेक्टर समेत नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। हालांकि, पुलिस ने भी दो नामजद वकीलों समेत कई अज्ञात वकीलों पर मामला दर्ज किया है, जिसे वकीलों ने फर्जी करार दिया है। वकीलों ने साफ कहा है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और तेज होगा।