लखनऊ न्यूज डेस्क: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने संभल में जानबूझकर अफसरों के माध्यम से हिंसा करवाई और वहां के मासूम लोगों पर अत्याचार किया। जब सपा का प्रतिनिधिमंडल घटनास्थल पर पहुंचने के लिए गया, तो उन्हें रोका गया और जाने नहीं दिया गया। अखिलेश यादव ने सवाल किया कि आखिर सरकार क्या छिपाना चाहती थी और इस घटना से समाज में तनाव फैलाने की कोशिश की गई।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने भी संभल हिंसा पर बयान देते हुए कहा कि मस्जिद का सर्वे करने को लेकर भाजपा ने जानबूझकर तनाव पैदा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सर्वे टीम में भाजपा के लोग शामिल थे और जब विवाद बढ़ा, तो पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि सीधे गोली चलाकर भीड़ को नियंत्रित किया। इस कदम को प्रदेश के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश बताया गया।
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा दरार वादी पार्टी है, जिसका मानवता से कोई ताल्लुक नहीं है। उन्होंने इसे एक हृदयहीन पार्टी बताते हुए कहा कि भाजपा का उद्देश्य हमेशा समाज में विवाद और दरारें पैदा करना रहा है, और इनका कोई समाजिक हित नहीं है।
सपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि भाजपा नेताओं के बयानों ने भी प्रदेश में तनाव बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के नेता लगातार गायों की कटाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे को हवा दे रहे हैं। साथ ही, उन्होंने भाजपा के एक विधायक द्वारा यह दावा किए जाने का भी जिक्र किया कि अगर राज्य में भाजपा का मुख्यमंत्री नहीं होता, तो वे मुख्यमंत्री आवास में घुस जाते।
अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज करते हुए कहा कि मिल्कीपुर में होने वाला चुनाव सबसे साफ-सुथरा होगा। उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि वे वहां कैमरा लेकर जाएं ताकि यह देखा जा सके कि वहां के चुनाव किस प्रकार होते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हाल ही में हुए उपचुनावों में प्रशासन ने मतदाताओं को वोट डालने से रोका था और बूथों पर पुलिस तैनात कर दी गई थी, ताकि चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया जा सके।