लखनऊ न्यूज डेस्क: लखनऊ में साइबर ठगी के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें जालसाजों ने अलग-अलग तरीकों से लोगों को अपना शिकार बनाया। पहला मामला अलीगंज का है, जहां शिवलोक कॉलोनी निवासी विशाल राजपूत को एक फर्जी पुलिसकर्मी ने कॉल कर आपत्तिजनक कंटेंट देखने का झांसा दिया। आरोपी ने विशाल को डराया कि उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसे देने होंगे। डर के चलते विशाल ने 98,500 रुपये साइबर जालसाज के खाते में ट्रांसफर कर दिए। जब आरोपी ने और पैसों की मांग की, तब विशाल को ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
दूसरा मामला प्रयागराज का है, जहां दृष्टिबाधित छात्र विनय कुमार को टेलिग्राम पर ऑनलाइन गेमिंग से पैसे कमाने का झांसा दिया गया। आरोपी ने विनय को लालच दिया कि वह निवेश कर अच्छा मुनाफा कमा सकता है। झांसे में आकर विनय ने आठ बार में कुल 50,446 रुपये साइबर जालसाज के बताए अकाउंट में भेज दिए। पैसे जमा होते ही आरोपी ने अपना फोन बंद कर लिया, जिससे विनय को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने पारा पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
तीसरा मामला विभूतिखंड का है, जहां आयकर भवन में कार्यरत जयकरन सिंह के बेटे राहुल के बैंक खाते से चार बार में 31,673 रुपये निकाल लिए गए। राहुल ने किसी के साथ अपनी बैंकिंग जानकारी साझा नहीं की थी, फिर भी जालसाजों ने उनके खाते से रकम उड़ा ली। पुलिस को संदेह है कि यह ठगी मोबाइल हैकिंग के जरिए की गई है। इसी तरह सुशांत गोल्फ सिटी क्षेत्र में रहने वाली सोनल सिंह को टेलिग्राम पर बिटकॉइन माइनिंग ऐप में निवेश का झांसा देकर 61,100 रुपये की ठगी की गई। जब निवेश के बदले मुनाफा नहीं मिला, तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
हुसैनगंज के छितवापुर पजावा निवासी विशाल चंद्र विश्वकर्मा के साथ भी साइबर ठगी हुई। उन्हें एक कॉल आई, जिसमें जालसाज ने खुद को बैंक कर्मचारी बताया और बैंकिंग जानकारी हासिल कर ली। इसके बाद यूपीआई के जरिए उनके खाते से 71,499 रुपये निकाल लिए गए। जब विशाल को ठगी का पता चला, तो उन्होंने अलीगंज पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस सभी मामलों की जांच कर रही है और आरोपियों तक पहुंचने के प्रयास किए जा रहे हैं।