शामली (उत्तर प्रदेश), 9 नवंबर ( न्यूज हेल्पलाइन ) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों को फटकार लगाई और कहा कि तालिबानी मानसिकता का समर्थन करने वाले सभी लोगों से राज्य सरकार सख्ती से निपटेगी।शामली जिले के कैराना में एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्य में तालिबानी मानसिकता का समर्थन करने वाले सभी लोगों से उत्तर प्रदेश सरकार सख्ती से निपटेगी। तालिबानी मानसिकता को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शामली के कैराना में 426 करोड़ की 114 परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करने के बाद चेतावनी देते हुए कहा कि उनके राज्य में तालिबानी मानसिकता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो तालिबान का समर्थन करेंगे, सरकार सख्ती से उनसे निपटेगी। मुख्यमंत्री ने कैराना में कथित तौर पर परेशान किए जाने के कारण पलायन करने के बाद वापस लौटे परिवारों से मुलाकात की और उन्हें मुआवजा देने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अगर कोई हमारी अस्मिता को ठेस पहुंचाने, दंगा भड़काने का प्रयास करेगा तो उसकी आने वाली कई पीढ़ियां भूल जाएंगी कि दंगा कैसे होता है। जो लोग अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर नहीं चाहते थे, जो कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने का विरोध करते थे। ये लोग कब खुश होते हैं… जब मुजफ्फरनगर में दंगा होता है, जब कैराना से पलायन होता है और जब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन होता है। तब उनके नारे लगते हैं लेकिन हम तालिबानीकरण कतई स्वीकार नहीं होने देंगे।’ योगी ने पूर्ववर्ती सपा सरकार पर आरोप लगाया, ‘हमारे वरिष्ठ नेताओं हुकुम सिंह, संजीव बालियान और सुरेश राणा के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाते थे। उन्हें प्रताड़ित किया जाता था। महीनों जेल में डाला जाता था।
दंगाइयों को मुख्यमंत्री के आवास पर बुलाकर सम्मानित किया जाता था। हमने सत्ता में आने के बाद अपराध और अपराधियों के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई है और कभी कैराना से व्यापारियों और नागरिकों को पलायन पर मजबूर करने वाले अपराधी अब खुद भागने को मजबूर हैं। अगर किसी ने व्यापारी या निर्दोष व्यक्ति को गोली मारने की कोशिश की तो, उस गोली ने उसके सीने को चीरा और उसे परलोक पहुंचा दिया।’ योगी ने एक बच्ची से बात करते हुए कहा डरना मत बाबा के बगल में बैठी हो। इसके साथ ही उन्होंने व्यापारियों से पूछा कि लौटने के बाद अब यहां आपको कोई डर तो नहीं है। उन्होंने लाभार्थियों को चेक, पोषण किट आवास की चाबी स्वीकृति पत्र भी भेंट किए।
बाद मे उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि साल 2017 में भी मैं शामली आया था। तब मैंने कैराना के बारे में कहा था कि यहां सुरक्षा का बेहतर माहौल देंगे और आज हम कैराना को सुरक्षित माहौल देने में सफल हुए हैं। कैराना वापस लौटे परिवारों से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रताड़ना के चलते यहां के हिंदू परिवार पलायन के लिए मजबूर कर दिए गए थे। भाजपा की सरकार बनने के बाद शून्य समझौते की नीति के तहत जो कदम उठाए गए, उनसे यहां शांति स्थापित हुई है और कई परिवार यहां वापस लौटे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा की सरकार में कई परिवार के सदस्यों की हत्याएं हुई। मामलों में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। अब अपना कारोबार चला सकें और व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ा सकें, इसलिए सरकार पीड़ितों को मुआवजा देगी। मुख्यमंत्री ने कैराना लौटे परिवारों के साथ दोपहर का भोजन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ सूबे के गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में उनकी सरकार बनने पर कैराना के लोगों ने यहां पुलिस चौकी के सुदृढ़ीकरण के साथ पीएसी बटालियन की मांग की थी। पुलिस चौकी का काम पूरा हो चुका है। बटालियन की स्थापना के लिए वह खुद आए हैं।