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देश में पर मंडराया बिजली संकट, बिजली की डिमांड 207111 मेगावॉट तक पहुंची, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Saturday, April 30, 2022

मुंबई, 30 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भीषण गर्मी और लू के कहर के बीच कई राज्य इस समय बिजली संकट से जूझ रहे हैं। देश के 12 से ज्यादा राज्यों में बिजली की मांग ने अभी तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। खुद ऊर्जा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। मंत्रालय के मुताबिक, देश में पीक पावर डिमांड अब तक के सबसे रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। मंत्रालय ने एक ट्वीट में बताया कि ऑल टाइम हाई डिमांड शुक्रवार दोपहर 2.50 बजे तक 207111 मेगावॉट तक पहुंच गई, जो अब तक का सबसे उच्च स्तर है। देश में उत्पादन के अतिरिक्त सालाना 200 मिलियन टन कोयला इंडोनेशिया, चीन और ऑस्ट्रेलिया से आता था। अक्टूबर 2021 से आयात कम होना शुरू हुआ और अब सप्लाई पूरी तरह प्रभावित है। ऐसे में निर्भरता कोल इंडिया पर है। अप्रैल के पहले हफ्ते में मांग 3.70 लाख टन से बढ़कर 28 अप्रैल को 4.63 लाख टन प्रतिदिन पर पहुंच गई। यह अब तक की सर्वाधिक है। कोयला संकट से निपटने के लिए 17 अप्रैल को कोल इंडिया के सचिव डॉ. अनिल कुमार जैन ने बिलासपुर पहुंचकर बैठकें लीं।

भीषण गर्मी के बीच देश में अप्रैल महीने में ही बिजली की मांग बहुत बढ़ गई है, जिससे कोयले की खपत भी बढ़ गई है। पावर प्लांट्स के पास कुछ ही दिनों का कोयला रह गया है। बिजली की खपत और कोयले की कमी को देखते हुए रेलवे ने अगले एक महीने तक 750 पैसेंजर ट्रेनों के सभी फेरे रद्द कर दिए गए है। जिससे कोयले की गाड़ियां जल्द से जल्द पावर प्लांट्स तक पहुंचे। वहीं कोयले से लदी मालगाड़ियों की संख्या भी बढ़ा दी है। रद्द की गई ट्रेनों में 500 से अधिक लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं। रेलवे ने कुल 13 मेल और एक्सप्रेस के कुल 363 फेरों को रद्द कर दिया है। उत्तर रेलवे की ट्रेनों को 8 मई के लिए निरस्त किया गया है। पैसेंजर ट्रेन की बात करें तो रेलवे ने कुल 8 ट्रेनों के 390 फेरे रद्द किए गए हैं। कुल 21 ट्रेन अगले महीने तक निरस्त की गई है। फेरों के हिसाब से 753 एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों को निरस्त किया गया है। 

पावर प्लांट्स में कोयले की कमी के लिए रेलवे की ओर से रैक की कमी को जिम्मेदार ठहराया गया था। बढ़ती मांग देखते हुए रेलवे एक लाख वैगन उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर बन रहा है। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने कहा है कि कोयला, रेलवे और ऊर्जा मंत्रालय के बीच तालमेल न होने से यह संकट पैदा हुआ। ताजा रिपोर्ट के अनुसार 147 नॉन पिटहेड प्लांट्स में कोयले का स्टॉक सामान्य स्तर से करीब 57,000 टन से 24% कम यानी करीब 14,000 टन है।

किसने क्या कहा 

तो वही  केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि देशभर के थर्मल प्लांट्स के पास 2.20 करोड़ टन कोयला है, जो 10 दिन के लिए काफी है। ऐसे में उन्हें पूरी क्षमता के साथ उत्पादन करना चाहिए। CCL के मैनेजिंग डायरेक्टर पीएम प्रसाद ने बताया कि प्लांट्स को रोज 2.2 लाख टन कोयला दिया जाएगा। 
दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में मुश्किल से हालात संभाल रहे हैं। आपूर्ति कभी भी बिगड़ सकती है। राजस्थान के CM अशोक गहलोत ने इसे राष्ट्रीय संकट बताया। बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा, 'एक हजार मेगावॉट बिजली की कम आपूर्ति हो रही है।' UP के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा, 'बिजली की मांग गर्मी के कारण बढ़ी है। बिजली की बचत का प्रयास करें।'

एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल में दिल्ली, UP समेत देश के कई बड़े राज्यों में भीषण गर्मी और लू के कारण बिजली की खपत बढ़ गई है, लेकिन ज्यादातर पावर प्लांट्स को बिजली उत्पादन के लिए कोयला नहीं मिल पा रहा है। बताया जा रहा है कि रूस यूक्रेन जंग के चलते कोयले की आयात पर असर पड़ा है जिससे कोयले कीमत में भारी इजाफा हुआ है। जिन राज्यों में बिजली संकट की सबसे ज्यादा समस्या है उनमें झारखंड, हरियाणा, बिहार, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र शामिल हैं।

बड़े अपडेट - 

  • ऑल टाइम हाई डिमांड 207111 मेगावॉट तक पहुंची
  • एक महीने तक 750 पैसेंजर ट्रेनों के सभी फेरे रद्द
  • रद्द की गई ट्रेनों में 500 से अधिक लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं।
  • कोयले की कमी की वजह; रोजाना औसतन प्रोडक्शन 2.50 लाख टन, मांग 4.63 लाख तक पहुंच गई
  • उत्पादन के अतिरिक्त सालाना 200 मिलियन टन कोयला इंडोनेशिया, चीन और ऑस्ट्रेलिया से आता है
  • मांग 3.70 लाख टन से बढ़कर 4.63 लाख टन प्रतिदिन पर पहुंची
  • पावर प्लांट्स के पास बचा कुछ ही दिनों का कोयला
  • रूस यूक्रेन जंग के चलते कोयले के आयात पर असर पड़ा
  • दिल्ली में मुश्किल से संभाल रहे हालात
  • CM अशोक गहलोत ने इसे राष्ट्रीय संकट बताया
  • डिमांड ज्यादा, इसलिए एक लाख वैगन देगा रेलवे
  • 147 नॉन पिटहेड प्लांट्स में कोयले का स्टॉक सामान्य स्तर से करीब 57,000 टन से 24% कम यानी करीब 14,000 टन है


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