बंगलुरु, 15 जुलाई 2021
कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को राज्य के पशु वध विरोधी कानून के तहत राज्य भर में हर एक जिले में गौशालाओं की स्थापना को मंजूरी दे दी। अब कर्नाटक के हर ज़िले में सरकारी गौशला होंगी जिससे मवेशियों को राहत मिलेगी और हत्यारों से बचाया जाएगा।
राज्य के मंत्री बसवराज बोम्मई ने बताया कि कैबिनेट ने हर जिले में गौशालाओं को मंजूरी दी है वहीं आश्रयों के लिए 15 करोड़ रुपये रखे जाएंगे और बाद में राशि बढ़ाई जाएगी।
बता दें, यह क़ानून फरवरी में पारित किया गया था तभी राज्य मंत्री बोम्मई ने कहा था कि सरकार अपने मौजूदा 184 पशु आश्रयों की क्षमता लगभग 50,000 से 200,000 तक बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि मवेशियों की देखभाल के बोझ को कम करने के लिए बजट में ऐसी और योजनाओं की घोषणा की जाएगी। राज्य के पशु वध कानून में तीन से पांच साल की जेल की सजा और 50,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
क़ानून के तहत कर्नाटक उच्च न्यायालय कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है जिसमें राज्य में पशु वध को पूरी तरह से रोकने के लिए बनाए गए कानून को चुनौती दी गई है, जहां किसानों को उपज की गिरती कीमतों, बाढ़ और सूखे के कारण आय में गिरावट का सामना करना पड़ा है।
सरकार द्वारा दीं गई जानकारी में बताया गया की 2015-16 से लेकर 2019-20 के बीच लगभग 13 लाख बैल मांस और कई कारणों से मारे गए। सरकार ने तर्क दिया है कि पिछले आठ वर्षों में मवेशियों की आबादी में भारी गिरावट आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक ने 2019-20 में यूएई, कतर और अन्य देशों को लगभग 2.5 मिलियन डॉलर मूल्य के गोमांस का निर्यात किया और बताया गया है की कर्नाटक से भारी मात्रा में चमड़े का निर्यात होता है।