गुवाहाटी, 21 फ़रवरी (न्यूज़ हेल्पलाइन) हाल ही में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित 102 वर्षीय गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी शकुंतला चौधरी का सोमवार को निधन हो गया। वह असम के कामरूप की रहने वाली थी। उन्होंने ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की भलाई के लिए काम किया और उन्हें शकुंतला बाइदेव के नाम से जाना जाता था।
इस साल की शुरुआत में गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
गांधीवादी शकुंतला चौधरी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर संवेदना व्यक्त की उन्होंने कहा कि, “शकुंतला चौधरी को गांधीवादी मूल्यों को बढ़ावा देने के उनके आजीवन प्रयासों के लिए याद किया जाएगा।”
पीएम ने अपने ट्वीट में लिखा, "सरनिया आश्रम में उनके नेक काम ने कई लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया। उनके निधन से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं।"
वह असम के गुवाहाटी स्थित सरानिया आश्रम में लोगों को गांधीवादी नीति के माध्यम से कई लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती थी।