नई दिल्ली, खाद्य तेलों (Edible Oil) के दाम पिछले कुछ महीनों में पेट्रोल और डीजल के दामों की तरह भाग रहे हैं। पिछले एक साल में खाने वाले तेल की कीमतों (Cooking Oil Price) में करीब 50 फीसदी बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले साल कच्ची घानी सरसों तेल 110-115 रुपये/ लीटर उपलब्ध था, आज वही कच्ची घानी सरसों तेल का दाम खुदरा बाजारों में 160-170 रुपये लीटर हो चुका है। कुल मिलाकर तेल की कीमतें पिछले साल की तुलना में करीब 50 फीसदी बढ़ी हैं। पिछले एक हफ्ते में ही खाद्य तेलों की कीमतों में 7-8 फीसदी की बढ़त देखी गयी है ।
सोयाबीन रिफाइंड ऑयल 160 रुपये लीटर है। पामोलीन ऑयल 135 रुपये लीटर है। रिफाइंड ऑयल की कीमतों में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। व्यापारियों का कहना है कि सरसों की नई फसल भी कट गई है, इसके बावजूद तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है ।
द सेंट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड के वाइस प्रेजिडेंट सुरेश नागपाल के अनुसार, 70 फीसदी खाद्य तेल इंडोनेशिया, मलयेशिया, ब्राजील और यूएसए जैसे देशों से आते हैं। इसलिए भारत में भी तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय मार्केट में तेल के कीमतों पर निर्भर करता है। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान से ही चीन समान्य से कई गुना ज्यादा तेल का आयात इन देशों से कर रहा हैं। इन देशों में तेल न मिलने पर चीन किसी भी कीमत पर तेल लेने को तैयार है। इसका असर यह हुआ है कि जिन देशों से भारत खाद्य तेलों का आयात करता है, वहां पामोलीन और सोयाबीन ऑयल का स्टॉक कम हो गया है। इसका सीधा प्रभाव यहां भी तेल की कीमतों पर पड़ा है और खुदरा बाजारों में तेल की कीमतें बढ़ी हैं।