अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ) ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1 FY26) के वित्तीय नतीजों की घोषणा की है, जिसमें कंपनी ने 21% की आय वृद्धि के साथ एक बार फिर अपनी बाजार पकड़ और परिचालन क्षमता का प्रमाण दिया है। कंपनी की कुल आय 9,126 करोड़ रुपये रही, जबकि शुद्ध लाभ 3,311 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। यह सफलता खास तौर पर लॉजिस्टिक्स और मरीन कारोबार के तेज विस्तार के कारण मानी जा रही है।
लॉजिस्टिक्स और मरीन कारोबार में जबरदस्त उछाल
अडाणी पोर्ट्स के लॉजिस्टिक्स कारोबार ने इस तिमाही में दोगुनी वृद्धि दर्ज की है। पिछली तिमाही में 571 करोड़ की आय से बढ़कर यह 1,169 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। ट्रकिंग, रेल नेटवर्क, और अंतरराष्ट्रीय माल ढुलाई में विस्तार ने इसमें मुख्य भूमिका निभाई। मुंद्रा पोर्ट ने एक ही दिन में 3,234 TEUs और 23 डबल स्टैक रेल लोड कर भारतीय पोर्ट इतिहास में नया रिकॉर्ड बनाया।
वहीं, मरीन कारोबार की आय 188 करोड़ से बढ़कर 541 करोड़ रुपये हो गई, यानी 2.9 गुना वृद्धि। कंपनी की सहायक कंपनी ओशन स्पार्कल ने अपने पूरे बेड़े में क्लाउड आधारित वेसल मैनेजमेंट सिस्टम (SeaFlux) लागू किया है, जिससे परिचालन दक्षता में जबरदस्त सुधार हुआ है।
बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि, वैश्विक विस्तार जारी
Q1 FY26 में कंपनी ने कुल 121 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) कार्गो हैंडल किया, जो साल दर साल 11% की वृद्धि है। इसके चलते भारत में कंपनी की मंडी हिस्सेदारी 27.8% हो गई, जबकि कंटेनर मार्केट में हिस्सेदारी 45.2% बनी रही।
श्रीलंका के कोलंबो में एक स्वचालित कंटेनर टर्मिनल, और ओडिशा के धामरा पोर्ट में एक नया एक्सपोर्ट टर्मिनल शुरू किया गया है। कोलंबो का टर्मिनल 35 साल के BOT समझौते के तहत बनाया गया है, जो 32 लाख TEUs संभालने की क्षमता रखता है।
इसके अलावा, कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया के NQXT पोर्ट के अधिग्रहण को मंजूरी दी है, जिसकी क्षमता 50 MTPA है। यह सौदा नियामक स्वीकृति के अधीन है।
वित्तीय प्रबंधन और पूंजी रणनीति
कंपनी ने अपने कर्ज प्रबंधन में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। कर्ज की औसत अवधि 4.3 साल से बढ़ाकर 5.2 साल कर दी गई है। साथ ही, LIC को 15 साल के लिए 5,000 करोड़ रुपये के NCDs जारी किए गए और 450 मिलियन डॉलर के बॉन्ड बायबैक की पेशकश की गई, जिसमें से 384 मिलियन डॉलर की बोली पहले ही मिल चुकी है। कंपनी का नेट डेट/EBITDA अनुपात 1.8x रहा।
ESG और पर्यावरण में अग्रणी
अडाणी पोर्ट्स ने पर्यावरण और सामाजिक जिम्मेदारी (ESG) में भी उच्च मानक स्थापित किए हैं। कंपनी को CDP 2024 में 'लीडर' का दर्जा, CRISIL से 61 का ESG स्कोर, और NSE सस्टेनेबिलिटी रेटिंग में 69 स्कोर प्राप्त हुआ। इसके साथ ही, 12 पोर्ट्स को 'Zero Waste to Landfill' सर्टिफिकेशन मिला।
हजीरा पोर्ट ने भारत का पहला स्टील स्लैग रोड बनाया, और श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट में इलेक्ट्रिक मोबाइल क्रेन्स की तैनाती की गई – ये दोनों कदम पर्यावरण अनुकूल तकनीक की दिशा में मील के पत्थर हैं।
पुरस्कार और मान्यता
कंपनी ने कई प्रतिष्ठित पुरस्कार अपने नाम किए:
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मुंद्रा पोर्ट: बेस्ट प्राइवेट सेक्टर पोर्ट और बेस्ट कंटेनर टर्मिनल (इंडिया मैरीटाइम अवार्ड्स)
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गंगावरम, विजिनजम, धामरा: ग्लोबल एनवायरनमेंट अवार्ड्स
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गोवा पोर्ट: डायमंड अवार्ड फॉर सस्टेनेबिलिटी
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अडाणी लॉजिस्टिक्स: लॉजिस्टिक्स चैंपियन अवार्ड
वैश्विक पोर्ट नेटवर्क की ओर
अडाणी पोर्ट्स वर्तमान में भारत के कुल पोर्ट वॉल्यूम का 28% हैंडल करता है। यह कंपनी भारत में 15 प्रमुख पोर्ट्स के संचालन के साथ-साथ श्रीलंका, इज़राइल और तंजानिया जैसे देशों में भी सक्रिय है। साथ ही, इसके मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, वेयरहाउसिंग हब और इंडस्ट्रियल ज़ोन इसे वैश्विक सप्लाई चेन का मजबूत स्तंभ बना रहे हैं।
कंपनी का लक्ष्य है कि अगले दशक में यह दुनिया का सबसे बड़ा पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म बने।