लखनऊ %3A गोमती तट पर चल रहे विकास दीपोत्सव में चैंपियन अवैध वसूली कर रहे थे । खुद को नगर निगम का कर्मी बताकर दुकानदारों को परेशान किया जा रहा था। सज्जन रस्तोगी के खिलाफ मुकदमा लिखाने का आदेश नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने दिया है। ऐसा तब हुआ, जब दुकानों के लिए बने हर ज़ोन में नगर निगम ने एक नोडल अधिकारी तैनात किया है।
दीपोत्सव में एक महिला ने बच्चों के खेल की दुकान लगाई है। यह दुकान नगर निगम की तरफ से मुफ्त में उपलब्ध कराई गई है। उस महिला के पास एक युवक और युवती पहुंचे और कहा कि तुमने स्वनिधि ऋण योजना से लोन नहीं लिया है, लिहाज़ा तुम अपनी दुकान बाहर ले जाओ। इसके बाद खुद को नगर निगम कर्मी बताने वाले सज्जन रस्तोगी ने पैसे की अनुचित मांग की और पंद्रह सौ रुपये ले लिए और फिर पैसे की मांग करने के लिए दुकान पर पहुंचा। परेशान महिला ने नगर निगम के पांडाल में मौजूद नगर निगम के संयुक्त निदेशक (पशु कल्याण) डा. अरविंद राव से संपर्क किया।
नगर निगम में चैंपियन की भर्ती स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर की गई थी। हर माह 15,000 रुपये मानदेय पर उन्हें रखा गया था, जिनका काम स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करना था लेकिन ऊपरी प्रभाव से नगर निगम उन्हें हटा नहीं सका और यह नगर निगम का कर्मचारी बताकर अवैध वसूली तक करने लगे। इसकी कई बार शिकायतें भी आई। इतना ही नहीं, मानदेय पर तैनात चैंपियन दबाव डालकर ज़ोन बदलवा लेते हैं।
Posted On:Saturday, October 30, 2021